स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षण The main symptoms of breast cancer
विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन में गांठ होना स्तन कैंसर (Breast Cancer) का सबसे आम लक्षण है। इसके अलावा, अन्य लक्षणों में बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास सूजन, निप्पल से स्राव, स्तन की त्वचा में परिवर्तन, या स्तन के आकार में बदलाव शामिल हो सकते हैं। एम्स के डॉ. अभिषेक शंकर के अनुसार, “स्तन या निप्पल की त्वचा पर लालिमा या दाने, और स्तन में दर्द भी खतरनाक संकेत हो सकते हैं।”
Breast Cancer Prevention : भारत में स्तन कैंसर के बढ़ते मामले
आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के हाल ही में किए गए शोध के अनुसार, 2045 तक भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के मामलों और इससे होने वाली मौतों में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है। 2022 में, स्तन कैंसर भारत में सभी महिला कैंसरों में 28.2 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक पाया गया। यह भी पढ़ें : Karisma Kapoor weight loss : करिश्मा कपूर ने 25 किलो वजन कैसे घटाया, जानिए उनके आसान डाइट टिप्स Breast Cancer Prevention : जल्दी पहचान से बचाव संभव
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्तन कैंसर
(Breast Cancer) का शुरुआती चरण में पता लगा लिया जाए, तो उपचार के परिणामों में सुधार किया जा सकता है। साथ ही, इससे महिलाओं के जीवित रहने की दर में भी वृद्धि हो सकती है। डॉक्टरों ने खासकर महिलाओं को नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन करने और स्क्रीनिंग के लिए मैमोग्राफी जैसे टेस्ट करवाने की सलाह दी है।
मैमोग्राफी: एक महत्वपूर्ण स्क्रीनिंग टेस्ट
मैमोग्राफी को स्तन कैंसर (Breast Cancer) की शुरुआती पहचान के लिए एक मानक और महत्वपूर्ण स्क्रीनिंग टेस्ट माना जाता है। इसे नियमित रूप से करवाने से मृत्यु दर में 30 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। यूनाइटेड स्टेट्स प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स के अनुसार, 40 वर्ष की उम्र के बाद हर 2 साल में मैमोग्राफी टेस्ट कराने की सिफारिश की गई है। मणिपाल हॉस्पिटल की डॉ. दिव्या सेहरा का कहना है कि “स्तन कैंसर (Breast Cancer) के लक्षण कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकते हैं। इसलिए, नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है। मेटास्टेटिक कैंसर के मामले में वजन घटना, पीठ दर्द, और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं।”
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स्तन कैंसर
(Breast Cancer Prevention ) से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग टेस्ट कराना। इसके द्वारा कैंसर की जल्दी पहचान कर उपचार को सफल बनाया जा सकता है और मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। महिलाओं को विशेष रूप से इस ओर जागरूक रहना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।