HMPV virus : चीन में बढ़ते HMPV संक्रमण
चीन में शीत ऋतु और वसंत के दौरान श्वसन संक्रमणों में तेजी देखी जा रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने “अज्ञात मूल के निमोनिया” के लिए विशेष निगरानी प्रणाली लागू की है।HMPV क्या है?
HMPV पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह प्नेयूमोविरिडे परिवार का सदस्य है और RSV (रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस) का करीबी रिश्तेदार है। लक्षण: सामान्य सर्दी जैसे लक्षण, जैसे खांसी, नाक बहना, और गले में खराश।संक्रमण काल: 3 से 6 दिनों का होता है। यह भी पढ़ें : hMPV infection in China : चीन में बढ़ते hMPV वायरस संक्रमण और भारत में हल्की खांसी के बढ़ते मामलों के लक्षण एक जैसे
HMPV और कोविड-19: क्या समानताएं हैं?
हालांकि HMPV और SARS-CoV-2 (कोविड-19 का वायरस) अलग-अलग परिवार से हैं, उनमें कुछ समानताएं हैं: श्वसन तंत्र पर प्रभाव: दोनों वायरस फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं।संक्रमण का तरीका: संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित ड्रॉपलेट्स और सतहों के संपर्क से फैलता है।
प्रभावित समूह: बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग।
लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, और सांस लेने में दिक्कत।
क्या HMPV कोविड-19 जैसा खतरनाक है?
HMPV कोविड-19 जितना घातक नहीं है। इसके कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं: टीका उपलब्धता: कोविड-19 के लिए टीके उपलब्ध हैं, लेकिन HMPV के लिए कोई टीका नहीं है।उपचार: कोविड-19 के लिए एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन HMPV के लिए इलाज सीमित है।
मृत्यु दर: HMPV आमतौर पर हल्के संक्रमण का कारण बनता है।
कोविड-19 के बाद HMPV में वृद्धि
“वायरोलॉजी जर्नल” में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चीन के हेनान प्रांत में 2023 में HMPV संक्रमणों में वृद्धि देखी गई।कोविड-19 महामारी के बाद, श्वसन संक्रमणों की दर बढ़ने लगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और ठंड के मौसम के कारण HMPV के मामलों में वृद्धि हुई है।
भारत में स्थिति कैसी है?
भारत में अभी तक HMPV का कोई मामला सामने नहीं आया है।डॉ. अतुल गोयल, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के निदेशक, ने एक राष्ट्रीय मिडिया को बताया कि HMPV सामान्य सर्दी-जुकाम जैसा ही है। उन्होंने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
उपचार: नियमित दवाएं और घरेलू उपचार पर्याप्त हैं। HMPV फिलहाल भारत के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है। हालांकि, श्वसन संक्रमणों के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता आवश्यक है।
सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शीत ऋतु के दौरान अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित कर रहे हैं।