इस सप्ताह के दौरान, हमारा ध्यान सही पोषक तत्वों की प्राप्ति पर केंद्रित होता है। एक विशेषज्ञ ने विटामिन बी-12 के महत्व पर प्रकाश डाला, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। यदि हमें
विटामिन बी-12 की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती है, तो हम कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हमारा शरीर स्वयं विटामिन बी-12 का उत्पादन नहीं कर सकता, इसलिए इसे अपने आहार के माध्यम से प्राप्त करना आवश्यक है।
शरीर को होती है इतने विटामिन बी 12 की जरूरत The body needs this much vitamin B12
आजकल कई व्यक्तियों को विटामिन बी-12 (Vitamin B12) की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती, जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। विटामिन बी-12 (Vitamin B12) रक्त निर्माण में सहायता करता है और जीन के कार्य में भी योगदान देता है, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक जानकारी का स्रोत होता है। अधिकांश वयस्कों के लिए, विटामिन बी-12 की अनुशंसित मात्रा 200 से 900 यूनिट के बीच होती है। वृद्ध व्यक्तियों के लिए, यह मात्रा 300 से 350 यूनिट के बीच होती है।
विटामिन बी 12 की कमी को पुरा करेंगे ये 5 फल These 5 fruits will fulfill the deficiency of vitamin B12
सेब सेब में एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स और फाइबर की प्रचुरता होती है। इसके छिलके और गूदे में पॉलीफेनोल्स जैसे अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं। अमरूद अमरूद में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, फोलिक एसिड, पोटैशियम और फाइबर के साथ-साथ विटामिन बी 12 जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं।
कच्चा नारियल कच्चा नारियल आपके शरीर में विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में सहायक हो सकता है। यह एक पौष्टिक फल है, जिसमें पोटेशियम, विटामिन ई, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फाइबर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद हैं।
संतरा संतरा विटामिन बी12 का एक बेहतरीन स्रोत है। इसके अलावा, आप अंगूर, कीवी और सेब जैसे अन्य खट्टे फलों का सेवन भी कर सकते हैं। इनमें विटामिन C, विटामिन A, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
केला केला भी विटामिन B12 का एक अच्छा स्रोत है। यह फल विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।