इस शोध में फ्रीमैनजुमाब नाम की दवा के इस्तेमाल पर गौर किया गया। यह दवा इंजेक्शन के जरिए दी जाती है और माइग्रेन के इलाज में इस्तेमाल होती है। शोधकर्ताओं ने 660
माइग्रेन के मरीजों के रोजाना के डायरी के आंकड़ों को इलाके के मौसम के आंकड़ों से मिलाया। पाया गया कि तापमान में हर 0.12 डिग्री सेल्सियस की बढ़त के साथ सिरदर्द होने का खतरा 6 फीसदी बढ़ जाता है।
हालांकि जिन मरीजों को फ्रीमैनजुमाब की दवा दी गई उनको गर्मी की वजह से होने वाले
सिरदर्द की समस्या नहीं हुई। न्यूयॉर्क के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर फ्रेड कोहेन का कहना है कि यह पहला अध्ययन है जिससे पता चलता है कि कैल्सीटोनिन जीन-संबंधित पेप्टाइड (सीजीआरपी) को रोकने वाली माइग्रेन की दवाएं मौसम की वजह से होने वाले सिरदर्द का इलाज कर सकती हैं। आने वाले समय में और अध्ययन किए जाएं तो यह दवा मौसम की वजह से माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।