scriptStroke के बाद तेज़ी से गिरती सोचने-समझने की क्षमता, मस्तिष्क के लिए बड़ा खतरा | Stroke Triggers Sharp Mental Decline New Study Warns of Cognitive Risks stroke se kaise bache | Patrika News
स्वास्थ्य

Stroke के बाद तेज़ी से गिरती सोचने-समझने की क्षमता, मस्तिष्क के लिए बड़ा खतरा

Stroke and cognitive decline : ऑस्ट्रेलियाई शोध में यह पाया गया है कि स्ट्रोक से पीड़ित बुजुर्गों में तत्काल और तेज़ी से बढ़ने वाली दीर्घकालिक मानसिक गिरावट होती है। न्यू साउथ वेल्स सिडनी विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर हेल्दी ब्रेन एजिंग (CHeBA) के शोधकर्ताओं के अनुसार, पहली बार स्ट्रोक का सामना करने वाले वृद्ध व्यक्तियों में सोचने और याद रखने की क्षमता में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।

जयपुरOct 04, 2024 / 08:31 am

Manoj Kumar

Stroke Triggers Sharp Mental Decline: New Study Warns of Cognitive Risks

Stroke Triggers Sharp Mental Decline: New Study Warns of Cognitive Risks

Stroke and cognitive decline : ऑस्ट्रेलियाई शोध ने स्ट्रोक (Stroke) और दीर्घकालिक संज्ञानात्मक गिरावट (Long-term cognitive decline) के बीच महत्वपूर्ण संबंध का खुलासा किया है। सिडनी स्थित न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर हेल्दी ब्रेन एजिंग (CHeBA) के शोधकर्ताओं ने पाया कि पहली बार स्ट्रोक (Stroke) का सामना करने वाले वृद्ध व्यक्तियों में संज्ञानात्मक क्षमताओं (Cognitive Abilities) में तेज और दीर्घकालिक गिरावट होती है।

स्ट्रोक: क्या है यह मस्तिष्क की गंभीर स्थिति? Stroke: What is this serious brain condition?

स्ट्रोक (Stroke) तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह अवरुद्ध या कम हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल 15 मिलियन लोग स्ट्रोक (Stroke) का शिकार होते हैं, जिनमें से 10 मिलियन या तो मर जाते हैं या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं।

अध्ययन का डेटा और निष्कर्ष

CHeBA टीम ने 14 अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिनमें 11 देशों से 20,860 बुजुर्ग शामिल थे। इनमें से किसी भी प्रतिभागी का स्ट्रोक (Stroke) या डिमेंशिया का इतिहास नहीं था। औसतन 73 साल की उम्र वाले इन प्रतिभागियों की संज्ञानात्मक क्षमताओं को उनके स्ट्रोक होने से पहले और बाद में ट्रैक किया गया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रोक (Stroke) से पहले प्रतिभागियों की संज्ञानात्मक गिरावट धीमी गति से हो रही थी, जिसे सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से जोड़ा गया। लेकिन जिन लोगों को अध्ययन के दौरान स्ट्रोक (Stroke) हुआ, उनमें सभी संज्ञानात्मक क्षेत्रों में तेज गिरावट देखी गई।
यह भी पढ़ें : Moringa Water Benefits : सहजन का पानी शरीर के लिए होता है बेहद करामाती, मिलते हैं ये 6 फायदे

स्ट्रोक के बाद संज्ञानात्मक गिरावट का पैटर्न Pattern of cognitive decline after stroke

शोध की प्रमुख जैस लो के अनुसार, “स्ट्रोक से पहले और बाद के कई आकलनों के माध्यम से हमने यह मापने का प्रयास किया कि सोचने और याद रखने की क्षमताओं में किस प्रकार के परिवर्तन आते हैं।” शोध में यह भी पाया गया कि जिन व्यक्तियों में मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, अवसाद, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, धूम्रपान की आदत या APOE4 जीन मौजूद था, उनमें स्ट्रोक से पहले ही संज्ञानात्मक गिरावट की दर अधिक थी।

स्ट्रोक से बचने के लिए जोखिम कारकों पर ध्यान दें Pay attention to risk factors to avoid stroke

शोधकर्ताओं का मानना है कि वेस्कुलर (धमनियों संबंधी) जोखिम कारक, जैसे कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक की शुरुआत से कई साल पहले ही संज्ञानात्मक कार्यों पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। इस वजह से, इन जोखिम कारकों को जल्दी पहचानकर और नियंत्रित करके स्ट्रोक और उससे जुड़ी संज्ञानात्मक गिरावट के जोखिम को कम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : Stroke : दिमाग के लिए खतरा बना वायु प्रदुषण, ब्रेन स्ट्रोक को लेकर क्या है लैंसेट का अध्ययन

इस शोध ने यह स्पष्ट किया है कि स्ट्रोक न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है। इसे रोकने के लिए वेस्कुलर जोखिम कारकों पर ध्यान देना और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक है, ताकि मस्तिष्क को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखा जा सके।

Hindi News / Health / Stroke के बाद तेज़ी से गिरती सोचने-समझने की क्षमता, मस्तिष्क के लिए बड़ा खतरा

ट्रेंडिंग वीडियो