Smoking During Pregnancy : फेफड़ों से लेकर पूरे शरीर को होता है नुकसान
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान (Smoking) का प्रभाव केवल फेफड़ों (Lungs) तक सीमित नहीं होता, बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करता है। गर्भावस्था (Pregnancy) और स्तनपान के दौरान
धूम्रपान (Smoking During Pregnancy) करने वाली महिलाओं के बच्चों को जीवन भर फेफड़ों (Lungs) और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार के बच्चों में कम स्टैमिना और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक होता है।
अस्थमा के इलाज में आती है मुश्किल It is difficult to treat asthma
धूम्रपान से प्रभावित किशोरावस्था और वयस्कता में दवा का असर कम हो जाता है, जिससे अस्थमा (Asthma) का इलाज कठिन हो जाता है। विशेष रूप से धूम्रपान करने वाली महिलाओं के बच्चों में अस्थमा का इलाज अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
घर में धूम्रपान का प्रभाव Effects of smoking in the home
डॉ. वरुणा पाठक, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय कैंपेन “मदर अगेंस्ट वेपिंग” से जुड़ीं विशेषज्ञ, ने बताया कि धूम्रपान (Smoking During Pregnancy) का प्रभाव केवल गर्भवती महिलाओं तक सीमित नहीं है। यदि घर में कोई भी व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए, क्योंकि इससे उनके फेफड़ों और समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
तंबाकू नियंत्रण के लिए काउंसलिंग का महत्व
जिला तंबाकू नियंत्रण निगरानी दल के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 से मई 2023 के बीच 650 लोग काउंसलिंग के लिए पहुंचे। इनमें से 77 फीसदी पुरुष और 23 फीसदी महिलाएं थीं। यह दर्शाता है कि तंबाकू नियंत्रण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन अभी भी काफी काम बाकी है।
फिनो टेस्ट और सांस की जांच
रीजनल रेस्पिरेटरी इंस्टीट्यूट में अस्थमा की पहचान के लिए फिनो (फ्रैक्शनल एक्सहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड) टेस्ट का उपयोग किया जाता है। यह टेस्ट सांसों में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड गैस की मात्रा को मापता है। यदि सांस में यह गैस अधिक होती है, तो यह फेफड़ों और सांस की नलियों में सूजन का संकेत हो सकता है, जो अस्थमा, एलर्जी या एक्जिमा का संकेत हो सकता है। इस प्रकार की रिपोर्ट और जागरूकता से यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि धूम्रपान से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को समझा जाए और उन्हें कम करने के उपाय किए जाएं। 4o mini