Should you boil packaged milk? : ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारण
भारत में, दूध को उबालना एक गहरी सांस्कृतिक प्रथा है। पारंपरिक रूप से दूध स्थानीय डेयरी से प्राप्त किया जाता था, और इसे उबालना आवश्यक था ताकि हानिकारक बैक्टीरिया को मार सके। आज भी, यह आदत बनी हुई है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां ठंडा भंडारण सीमित होता है।
Should you boil packaged milk? उबालने से क्या होता है?
Should you boil packaged milk? : जब दूध को उबाला जाता है, तो यह 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर की तापमान पर पहुंचता है। इस तापमान पर, अधिकांश हानिकारक जीवाणु जैसे साल्मोनेला और क्लॉस्ट्रीडियम नष्ट हो जाते हैं। दूध उबालने से इसके प्रोटीन को पचाने में मदद मिलती है, और यह अधिक पचने योग्य बनता है। इसके अलावा, दूध का स्वाद भी मीठा और क्रीमी हो जाता है। यह भी पढ़ें : दिल की सेहत के लिए जरूरी हैं ये 5 व्यायाम पैकेट में दूध: क्या उबालना जरूरी है? Packet Milk: Is it necessary to boil it?
Should you boil packaged milk? अगर दूध बिना पाश्चराइज्ड है, तो इसे उबालना जरूरी है। लेकिन आजकल, अधिकांश पैकेट में मिलने वाला दूध पाश्चराइज्ड होता है, जिसका मतलब है कि इसे पहले ही हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए गर्म किया गया है।
Should you boil packaged milk? पाश्चराइज्ड दूध को उबालना आवश्यक नहीं है, लेकिन लोग इसे कुछ कारणों से उबालते हैं: संस्कृति की आदत: यह एक पीढ़ीगत प्रथा है। संभावित सुरक्षा: कुछ लोग सोचते हैं कि उबालने से दूध और भी सुरक्षित हो जाता है।
स्वाद का चुनाव: उबले हुए दूध का स्वाद और बनावट कुछ लोगों को पसंद है।
उबालने से क्या नुकसान होता है? What is the harm from boiling?
हालांकि उबालने से हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट होते हैं, लेकिन इसके साथ ही यह अच्छे बैक्टीरिया और कुछ पोषक तत्वों को भी नष्ट कर सकता है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी और बी की मात्रा कम हो जाती है। इससे दूध के पोषण तत्वों की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।
पाश्चराइजेशन की प्रक्रिया
पाश्चराइजेशन एक हीट ट्रीटमेंट प्रक्रिया है जिसमें दूध को एक निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है ताकि हानिकारक बैक्टीरिया को मारा जा सके। इसके मुख्य तरीके हैं: उच्च तापमान कम समय (HTST): दूध को 72 डिग्री सेल्सियस पर 15-20 सेकंड तक गर्म किया जाता है।
दूध के प्रकार और उनका उपचार
दूध के विभिन्न प्रकारों के लिए उबालने की प्रक्रियाएं अलग-अलग हो सकती हैं:
गाय का दूध और भैंस का दूध: इन्हें सामान्य रूप से उबाल सकते हैं।
स्किम्ड दूध: इसे हल्का उबालना चाहिए ताकि प्रोटीन को नुकसान न पहुंचे। पौधों का दूध (जैसे बादाम, सोया): इसे उबालना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। अंत में, यह कहना सही होगा कि पाश्चराइज्ड दूध को उबालना अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर आप इसे उबालने की आदत में हैं, तो यह आपकी व्यक्तिगत पसंद है। यदि आप दूध के पैकेट की स्थिति को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं, तो उबालना एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय हो सकता है। अपनी सेहत और पसंद के अनुसार निर्णय लें!