कोको यानी चॉकलेट क्विक स्ट्रेस बस्टर फूड में नंबर वन पर हैं। चॉकलेट में ट्रिप्टोफैन होता है और ये सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ा देता है, दिमाग में इस तत्व के बढ़ते ही हमारे गुड हार्मोंस एक्टिव हो जाते हैं और मूड बेहतर होता है।
वजन घटाने और सूजन को कम करने में ही नहीं, ग्रीन टी स्ट्रेस को कम करने में भी कारगर है। ग्रीन टी में कैटेचिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट ब्रेन को एक्टिव करते हैं और स्ट्रेस हार्मोंस को दबाते हैं।
शिमला मिर्च विटामिन ए और बी6 से भरी होती है और ये ब्रेन को डवलप करने के साथ कार्टिसोल हार्मोन को कंट्रोल करती है, क्योंकि ये हार्मोन ही स्ट्रेस का कारण होता है। शिमला मिर्च शरीर में सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन हार्मोन बनाने में भी मदद करती है और इससे मूड बेहतर होता है।
ओमेगा -3 हार्ट डिजीज से लेकर ड्रिप्रेशन और स्किन से लेकर कोलेस्ट्रॉल तक के लिए जरूरी है। वेट लॉस करने के साथ ही ये मूड बूस्टर के रूप में भी जानी जाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो डिप्रेशन और अन्य मानसिक विकार से लड़ते हैं। अलसी के बीज, चिया बीज, नट्स इसके कुछ प्रमुख सोर्स हैं।
फर्मेंटेड फूड आंत के लिए ही नहीं, मस्तिष्क के लिए भी बेस्ट होते हैं। इडली, डोसा, ब्रेड, ढोकला, दही, मठ्ठा, अचार, कांजी, मीसो, दही-चावल, अम्बाली, एखोनी, योगर्ट, टेम्प, केफिर, किमची जैसी चीजें इसके मुख्य सोर्स हैं। ये फूड सेरोटोनिन (हैप्पी हार्मोन) बनते हैं.
काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता, किशमिश कई विटामिन, मिनरल्स, मैग्नीशियम से भरे और एंटीऑक्सीडेंट का पावर हाउस होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट ही तनाव से लड़ने में मददगार होता है। वहीं, मैग्नीशियम डिप्रेशन के खतरे को कम करता है।
पालक, मेथी में बी-विटामिन फोलेट (फोलिक एसिड) होता है, जिसकी कमी सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरएड्रेनालाईन (मूड के लिए महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर) के मैटाबॉलिज्म में रुकावट पैदा कर सकती है। फोलिक एसिड भी स्ट्रेस बस्टर होता है।