Dengue vaccine : अमेरिकी तकनीक से भारतीय निर्माण
डॉ. बहल ने बताया कि डेंगू वैक्सीन के निर्माण में अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की तकनीक का उपयोग किया गया है। हालांकि, अमेरिका इस वैक्सीन (Dengue vaccine) को निर्मित नहीं कर पाया, लेकिन भारत की एक कंपनी ने इसे सफलतापूर्वक विकसित किया है। ICMR ने इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता प्रदान की है।
फेज-3 ट्रायल की मंजूरी
ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल की मंजूरी दे दी है। अब अंतिम परीक्षण चल रहा है, जिसके बाद यह तय होगा कि वैक्सीन व्यापक उपयोग के लिए तैयार है या नहीं। डॉ. बहल ने उम्मीद जताई कि यदि परिणाम सकारात्मक होते हैं, तो जल्द ही यह वैक्सीन डेंगू के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह भी पढ़ें : शरीर को फौलादी बना देती हैं ये छोटी-छोटी सफेद बॉल्स, फायदे हैं अनगिनत जूनोटिक बीमारियों पर भी काम जारी
डेंगू के अलावा, ICMR एक और वैक्सीन (Dengue vaccine) पर काम कर रहा है जो जूनोटिक बीमारियों के लिए है। इस वैक्सीन का परीक्षण पहले छोटे जानवरों पर किया गया था, जिसमें सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अब बड़े जानवरों और फिर मानवों पर परीक्षण की योजना बनाई गई है। पहले परीक्षण के लिए भी मंजूरी मिल चुकी है।
एमपोक्स के टेस्ट की सफलता
डॉ. बहल ने इस बात पर भी जोर दिया कि ICMR ने एमपोक्स जैसे अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट भी सफलतापूर्वक विकसित किए हैं। भारत में एमपोक्स के लिए तीन परीक्षणों को स्वीकृति मिली है, और अब इन्हें बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।
‘मेक इन इंडिया’ का सपना साकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन इन इंडिया’ की पहल को सराहते हुए डॉ. बहल ने कहा कि इन नई तकनीकों और वैक्सीनों को मध्यम मूल्य पर ना सिर्फ भारत में, बल्कि विश्वभर में उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये चिकित्सा उपलब्धियां भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व की ओर अग्रसर करेंगी। यह भी पढ़ें : अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन लिए बैठें हैं ये 9 देसी स्नैक्स, इस तरह से करें डाइट में शामिल डॉ. राजीव बहल के नेतृत्व में ICMR की ये पहलकदमी भारत के वैक्सीन निर्माण और मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में एक नया अध्याय साबित हो सकती है।