कोशिकाओं को स्वस्थ रखने वाली प्रोटीन की भूमिका The role of proteins in keeping cells healthy
शोधकर्ताओं ने एमएएनएफ नामक प्रोटीन (Protein) के एक वर्ग का अध्ययन किया, जो कोशिकाओं को तनाव से बचाने और स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोफेसर गुप्ता के अनुसार, जब कोशिकाओं पर तनाव होता है, तो एमएएनएफ प्रोटीन कोशिकाओं के भीतर एक सफाई प्रक्रिया को सक्रिय करती है, जो हानिकारक प्रोटीन (Protein) जमाव को हटाकर उन्हें अव्यवस्था से मुक्त रखती है।
प्रोटीन की सफाई प्रक्रिया और उसका महत्व
आमतौर पर, जब कोशिकाओं में प्रोटीन (Protein) गलत तरीके से बनते हैं या सफाई प्रक्रिया बाधित होती है, तो हानिकारक प्रोटीन इकट्ठा होकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यह प्रक्रिया अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों से जुड़ी होती है। शोध टीम ने सी. एलिगेंस नामक सूक्ष्म कृमियों पर एमएएनएफ प्रोटीन के प्रभावों का अध्ययन किया और पाया कि यह प्रोटीन कोशिकाओं को प्रोटीन जमाव से बचाता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बनी रहती है। यह भी पढ़ें : दिल की सेहत के लिए जरूरी हैं ये 5 व्यायाम उम्र संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए नए रास्ते
शोध से यह भी पता चला कि एमएएनएफ प्रोटीन (Protein) कोशिकीय होमियोस्टेसिस को बनाए रखने में मदद करता है, जो कोशिकाओं को स्वस्थ और कार्यक्षम बनाए रखने की प्रक्रिया है। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि एमएएनएफ का उपयोग भविष्य में मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करने वाली बीमारियों के उपचार के लिए किया जा सकता है, खासकर उन बीमारियों में जिनमें कोशिकीय प्रक्रियाओं में अव्यवस्था होती है।
भविष्य की संभावनाएं
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के पोस्ट-डॉक्टरल फेलो शेन टेलर ने बताया कि एमएएनएफ प्रोटीन सभी जानवरों में पाया जाता है, और इस पर हो रहे शोध से इसके यांत्रिक और मौलिक विवरणों को समझने में मदद मिलेगी, जिन्हें बाद में उच्च स्तरीय प्रणालियों में परखा जा सकता है। प्रोफेसर गुप्ता का कहना है कि यह खोज उम्र संबंधी बीमारियों के उपचार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नए चिकित्सा उपाय विकसित किए जा सकते हैं। यह भी पढ़ें : आपके स्वास्थ्य के सुपरहिरो हैं ये छोटे-छोटे काले बीज इस शोध ने प्रोटीन के एक महत्वपूर्ण और अज्ञात कार्य की खोज की है, जो उम्र बढ़ने से होने वाली बीमारियों से निपटने में मददगार हो सकता है। यह खोज उम्र के साथ होने वाली कोशिकीय अव्यवस्था को नियंत्रित करने और शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।