Human Body Temperature : 618,000 से अधिक मापों का विश्लेषण
इस अध्ययन के लिए 2008 से 2017 तक स्टैनफोर्ड हेल्थ केयर के आउटपेशेंट्स से लिए गए 618,306 मौखिक तापमान मापों का विश्लेषण किया गया। इसके अलावा, हर माप के समय, रोगी की उम्र, लिंग, वजन, ऊंचाई, बॉडी मास इंडेक्स (BMI), दवाओं और स्वास्थ्य स्थितियों को भी नोट किया गया।तापमान में गिरावट के कारण
शोधकर्ताओं का मानना है कि शरीर के औसत तापमान (Human Body Temperature) में कमी का मुख्य कारण मेटाबॉलिक रेट (चयापचय दर) में बदलाव है। पिछले 200 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं, बेहतर स्वच्छता, खाद्य उपलब्धता और जीवन स्तर में सुधार के कारण सूजन (inflammation) में कमी आई है, जिससे तापमान कम हुआ है।“सूजन प्रोटीन और साइटोकिन्स का उत्पादन करती है, जो आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और शरीर का तापमान बढ़ाती है,” डॉ. पार्सननेट ने बताया।
Human Body Temperature : हम पहले जैसे नहीं रहे हैं
डॉ. पार्सननेट ने इस बदलाव को एक व्यापक संदर्भ में समझाया। उनका कहना है कि हमारे रहने के तरीके और वातावरण में बदलाव ने हमारे शरीर को भी बदल दिया है।डॉक्टरों और आम लोगों की गलत धारणा
डॉ. पार्सननेट के अनुसार, आज भी अधिकांश लोग, यहां तक कि डॉक्टर भी, 36.6°C (98.6°F) को सामान्य तापमान मानते हैं। लेकिन यह सही नहीं है। हर व्यक्ति का सामान्य तापमान (Human Body Temperature) अलग होता है और यह उसकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है।