कोरोना
एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यह कोरोना वायरस गले और शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में आपकी नाक और मुंह में ज़्यादा जाने की सम्भावना होती है। आपके आस-पास की हवा में छींकने, खांसने या सांस लेने की संभावना अधिक हो सकती है।
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगो के लक्षण कुछ इस तरह के होते है बुखार
थकान
सुखी खासी
नाक का बंध होना
बेहति नाक
गले कि खराश
सांस लेने मे कठिनाई एलर्जी के लक्षण
चाहे महिला हो या पुरुष, कुदरत ने बाहरी तत्वों को सहन करने की खास ताकत दी है। फिर भी कई बार ऐसे तत्व जो मनुष्य के शरीर पर दुष्प्रभाव डालने वाले और शरीर के भीतर पहुंचने की कोशिश करते हैं, तब शरीर के आंतरिक तत्व हलचल में आकर उन उल्टे तत्वों के प्रभाव को शरीर पर पड़ने की कोशिश को रोकते हैं। इस तरह की प्रक्रिया एलर्जी की उत्पत्ति का कारण बनती है।
की एलर्जी व कोरोना में अंतर को ऐसे पहचाने केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष तथा इंडियन कालेज ऑफ एलर्जी एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत कहते हैं, एलर्जी शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के धूलकणों, मौसम में परिवर्तन, परागकणों और जानवरों के रेशों के प्रति प्रतिक्रिया की वजह से होती है। हर मौसम में विभिन्न प्रकार के पराग-कण पाये जाते है। ये छोटे छोटे परागकण नाक में घुसकर उसके भीतर श्लेष्मा की परत से चिपक जाते हैं। इसके बाद यह नाक से गले तक पहुंच जाते हैं और रोग प्रतिरक्षा तंत्र पर असर करते हैं। इन कणों के प्रतिरोध की वजह से शरीर में हिस्टामीन निकलता हैं जो तेजी से फैलकर एलर्जी के लक्षण पैदा करता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह हल्की एलर्जी साइनस संक्रमण, लिम्फ नोड संक्रमण और अस्थमा जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।