क्यों होता है बालतोड़ : Why does hair breakage happen?
आमतौर पर यह शेविंग या वैक्सिंग के दौरान या बरसात के मौसम में उमस बढ़ने से होता है, जिससे हेयर फॉलिकल का संक्रमण बढ़ता है। यह संक्रमण गर्दन, ब्रेस्ट के नीचे, चेहरे, जांघों और नितंबों पर उत्पन्न हो सकता है। त्वचा पर बनने वाला यह बैक्टीरिया बालों के रोम और उसके आस-पास के त्वचा के ऊतकों को संक्रमित कर देता है। इसके परिणामस्वरूप, सफेद रक्त कोशिकाएं उस स्थान पर इकट्ठा होकर मवाद का निर्माण करती हैं, जो त्वचा के नीचे जमा हो जाती है। यह एक गांठ का रूप ले लेता है और दर्द का कारण बनता है।
बालतोड़ से बचने के घरेलू नुस्खे : Baltod ka gharelu upachar
नीम की पत्तियों का लेप करें नीम के पत्तों को पीसकर उसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को बालतोड़ पर कुछ समय के लिए लगाकर छोड़ दें। यह प्रक्रिया त्वचा को बैक्टीरिया से मुक्त करने में मदद करती है और संक्रमण के प्रभाव को कम करती है। लहसुन का उपयोग लहसुन, जो एंटी माइक्रोबियल गुणों से समृद्ध है, को पहले छीलकर फिर कुचल लें। इसके बाद इसे एक गीले कपड़े में लपेटकर उबालें और 15 से 20 मिनट तक रखें। यह प्रक्रिया त्वचा को आराम प्रदान करती है। दिन में दो बार इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से त्वचा को राहत मिलती है।
हल्दी और एलोवेरा लगाएं हल्दी, जो एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से समृद्ध है, को एलोवेरा जेल के साथ मिलाकर बालतोड़ पर लगाने से सूजन को कम किया जा सकता है। यह त्वचा पर होने वाली लालिमा को घटाकर बॉयल के बनने की प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है। चुटकी भर हल्दी को एलोवेरा जेल में मिलाकर 10 से 15 मिनट तक लगाने से त्वचा को आराम मिलता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।