कोलेस्ट्रॉल एक लिपिड है, जिसकी हमारे शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए जरूरत होती है। यह एक फैट जैसा पदार्थ लिवर में बनता है और ब्लड आर्टरीज के जरिए शरीर में घूमता है। कोलेस्ट्रॉल को लिपोप्रोटीन नामक एक कण के जरिए शरीर के कोने-कोने तक पहुंचाता है और इसकी सतह पर एक प्रकार का प्रोटीन होता है। जब कोलेस्ट्रॉल हाई फैट और कम प्रोटीन सामग्री वाले लिपोप्रोटीन के साथ मिलता ह्रै तब बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बनाता है। यह समस्या आमतौर पर तब पैदा होती है, जब डाइट में ऑयली, जंक फूड या रेड मीट खूब लिया जा रहा हो और एक्सरसाइज न की जा रही हो।
पैरों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से शरीर पैरों में विशेषकर ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई भी बाधित होती है। इससे पैरों के नाखून और स्किन का रंग बदल का पीला पड़ने लगता है। वहीं, पैरों की नसों पर दबाव के कारण उनका रंग नीला या बैगनी नजर आने लगता है। क्योंकि ब्लड ले जाने वाले पोषक तत्वों और ऑक्सीजन के प्रवाह में कमी के कारण सेल्स को सही पोषण नहीं मिल पाता। इससे स्किन टाइन या सूजी नजर आती है और नाखून भी मोटे होने लगते हैं।
पैरों की आर्टरीज ब्लॉक होने के कारण पैरों के निचले हिस्से में पर्याप्त ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई नहीं होती है। इससे पैरों में भारीपन और दर्द बना रहता है। थकान भी खूब महसूस होती है। हाई कोलेस्टॉल से पीडि़त अधिकांश लोगों के पैरों के तलवे में जलन और दर्द की शिकायत रहती है। साथ ही पैर के किसी भी हिस्से जैसे जांघों और पिंडलियों में दर्द होता है। दो कदम चलना भी लोगों के लिए मुश्किल होता है।
सोते समय पैर में ऐंठन, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने का सामान्य लक्षण है। यह निचले अंगों की आर्टरीज को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है। यह ऐंठन ज्यादातर एड़ी, तर्जनी और पैर की एडिय़ों में महसूस होती है। खासतौर से रात में सोते समय हालत और भी खराब हो जाती है। पैरों को बिस्तर से टिकाना इससे राहत पाने का एक बेहतर विकल्प है।
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल के कारण आपके पैरों के नाखून का रंग ही नहीं बदलता बल्कि पैर के हिस्से के तापमान में भी बदलाव आ सकता है। ऐसे में हो सकता है आपके पैर हरदम ठंडे रहने लगें। यहां तक की गर्मियों में भी अगर आप इन्हें छूएं, तो आपको ये ठंडे ही लगेंगे। ज्यादातर लोगों के अंगूठे को देखकर जमे हुए कोलेस्ट्रॉल का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। जब भी आपको ऐसा लगे, तो इस स्थिति को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।