Fiber rich diet benefits : अध्ययन का मुख्य उद्देश्य
मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर (एमएसके) के शोधकर्ताओं ने यह जांचने के लिए एक क्लिनिकल परीक्षण किया कि हाई-फाइबर युक्त आहार (Fiber rich diet) मल्टीपल मायलोमा की प्रगति को कैसे प्रभावित करता है। यह अध्ययन अमेरिकन सोसायटी ऑफ हेमेटोलॉजी (एएसएच) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया। एमएसके की मायलोमा विशेषज्ञ डॉ. उर्वी शाह ने कहा, “यह शोध पोषण की शक्ति को दर्शाता है। विशेष रूप से, उच्च फाइबर वाले पौधे-आधारित आहार (Fiber rich diet) से माइक्रोबायोम और मेटाबोलिज्म में सुधार कर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है।”
Fiber rich diet benefits : अध्ययन का तरीका और परिणाम
शोध में 20 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जो प्रीकैंसरस रक्त विकार से पीड़ित थे और जिनका बीएमआई उच्च था। प्रतिभागियों को 12 सप्ताह तक पौधे-आधारित फाइबर युक्त आहार और 24 सप्ताह तक इस पर बने रहने का प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य निष्कर्ष:
रोग की प्रगति में सुधार: जिन प्रतिभागियों में मल्टीपल मायलोमा विकसित होने की संभावना थी, उनमें प्रगति धीमी हुई।
शारीरिक सुधार: प्रतिभागियों ने औसतन अपने शरीर के वजन का 8% कम किया।
सकारात्मक बदलाव: आंत के स्वास्थ्य, सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ।
रोग की रोकथाम: एक वर्ष के भीतर किसी भी प्रतिभागी में मल्टीपल मायलोमा विकसित नहीं हुआ। माउस मॉडल से पुष्टि शोधकर्ताओं ने माउस मॉडल पर भी अध्ययन किया। जिन चूहों को हाई-फाइबर आहार दिया गया, उनमें 44% चूहों में मायलोमा की प्रगति रुकी रही। वहीं, मानक आहार पर रहने वाले सभी चूहों में मायलोमा की प्रगति देखी गई।
रोगियों को सशक्त बनाने का एक कदम डॉ. उर्वी शाह ने जोर दिया कि इस प्रकार के आहार बदलाव से रोगियों को उनकी बीमारी पर नियंत्रण रखने का अवसर मिलता है। “आहार परिवर्तन के माध्यम से हम कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं,” उन्होंने कहा।
फाइबर युक्त आहार: स्वास्थ्य का नायाब समाधान
इस अध्ययन ने फल, सब्जियां, मेवे, बीज, साबुत अनाज और फलियों से भरपूर आहार के लाभों को रेखांकित किया है। यह न केवल कैंसर से बचाव में मददगार है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है। फाइबर युक्त पौधे-आधारित आहार मल्टीपल मायलोमा जैसे जटिल कैंसर को रोकने में एक कारगर उपाय हो सकता है। यह शोध न केवल चिकित्सा विज्ञान में एक नई दिशा दिखाता है, बल्कि जीवनशैली और पोषण के महत्व को भी उजागर करता है।