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Hypersomnia : दिन में बार-बार झपकी लेने की समस्या? सतर्क हो जाएं, यह बीमारी हो सकती है

What is Hypersomnia : हमारे शरीर के स्वस्थ रहने के लिए हमें 7 से 8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। यदि आप अपनी 8 घंटे की नींद से ज्यादा सो रहे हैं तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

जयपुरSep 17, 2024 / 09:28 am

Manoj Kumar

What is Hypersomnia

What is Hypersomnia

What is Hypersomnia : आजकल की व्यस्त जिंदगी और तनावपूर्ण दिनचर्या में नींद की कमी एक आम समस्या है। लेकिन अगर आप 8 घंटे की रात की नींद के बाद भी दिन में सोते रहते हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है। यह दिन में अत्यधिक नींद ‘Hypersomnia’ नामक बीमारी का संकेत हो सकता है, जो एक गंभीर स्लीप डिसऑर्डर है।

हाइपरसोम्निया: एक स्लीप डिसऑर्डर की पहचान Daytime Drowsiness Alert: It Could Be Hypersomnia—Find Out More

‘हाइपरसोम्निया’ (Hypersomnia) एक ऐसा स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को पर्याप्त नींद के बावजूद दिन के समय लगातार नींद आती रहती है। रात को ठीक से सोने के बावजूद, व्यक्ति दिनभर बार-बार झपकी लेता है और उसे लंबे समय तक जागने में कठिनाई होती है। इसके लक्षणों में दिन के समय अत्यधिक नींद आना शामिल है, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

प्राथमिक और सेकेंडरी हाइपरसोम्निया: कारण और पहचान

हाइपरसोम्निया (Hypersomnia) दो प्रकार का हो सकता है: प्राथमिक और सेकेंडरी। प्राथमिक हाइपरसोम्निया (Hypersomnia) आमतौर पर तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी के कारण होता है। इसके विपरीत, सेकेंडरी हाइपरसोम्निया किसी अन्य चिकित्सा स्थिति, जैसे कि स्लीप एप्निया, के कारण हो सकता है। स्लीप एप्निया की स्थिति में, रात के समय सांस लेने में कठिनाई होती है, जिससे व्यक्ति बार-बार जागता है और उसकी नींद पूरी नहीं होती। इसके अतिरिक्त, शराब, ड्रग्स, थायराइड के फंक्शन में कमी, या सिर में चोट भी इस स्थिति को जन्म दे सकते हैं।

हाइपरसोम्निया के जोखिम कारक Risk Factors for Hypersomnia

उत्तर प्रदेश के हरदोई में ‘शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र’ के मुखिया डॉक्टर अमित कुमार बताते हैं कि दिन में अत्यधिक नींद के शिकार व्यक्ति हाइपरसोम्निया के जोखिम में होते हैं। यह बीमारी विशेष रूप से महिलाओं में अधिक देखी जाती है और इसका संबंध स्लीप एप्निया, किडनी, हृदय, मस्तिष्क की समस्याओं, डिप्रेशन, और थायराइड की कमी से हो सकता है। अल्कोहल और स्मोकिंग का सेवन भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है।
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निदान और इलाज: सही चिकित्सा सलाह की आवश्यकता

डॉक्टर अमित कुमार के अनुसार, हाइपरसोम्निया का इलाज केवल विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा ही किया जाना चाहिए। खुद से इलाज करने की कोशिश करना अक्सर स्थिति को और गंभीर बना सकता है। इलाज के दौरान, डॉक्टर नींद की डायरी बनाए रखते हैं, जिसमें 24 घंटे में कितनी नींद ली जा रही है, सोने और जागने का समय, और अन्य महत्वपूर्ण विवरण शामिल होते हैं। इसके अलावा, विभिन्न टेस्टों के माध्यम से बीमारी का निदान और उपचार किया जाता है।
हाइपरसोम्निया एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो आपकी दिनचर्या और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। यदि आप लगातार दिन के समय अत्यधिक नींद महसूस कर रहे हैं, तो सही चिकित्सा सलाह और उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपनी स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और पेशेवर सलाह के अनुसार उपचार करवाएं।

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