PCOS से प्रभावित महिलाओं में गर्भधारण की संभावना Chances of pregnancy in women affected by PCOS
PCOS के कारण गर्भधारण (Pregnancy) में कठिनाई हो सकती है। हार्मोनल असंतुलन के कारण ओव्यूलेशन (अंडों के विकास और अंडाशय से निकलने की प्रक्रिया) में बाधा आती है। हालांकि पीसीओएस के कारण होने वाला बांझपन सामान्य और उपचार योग्य होता है, लेकिन आहार, व्यायाम, दवाओं और कभी-कभी सर्जरी के माध्यम से इसे नियंत्रित करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ाई जा सकती है।PCOS और गर्भावस्था की जटिलताएँ
PCOS से ग्रसित महिलाओं की गर्भावस्था (Pregnancy) में जटिलताएँ बढ़ सकती हैं, जिसके लिए माँ और बच्चे दोनों की गहन निगरानी की आवश्यकता होती है। डॉ. पूर्णिमा सिंह के अनुसार, पीसीओएस से प्रभावित माताओं के बच्चों में समय से पहले जन्म, बड़े आकार का होना, गर्भपात और कम अपगर स्कोर जैसी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। यह भी पढ़ें : Pregnancy Ke Lakshan: पीरियड्स से पहले प्रेगनेंसी के शुरुआती 8 लक्षण, तुरंत करें चेक
जागरूकता की कमी और PCOS का निदान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पीसीओएस से प्रभावित 70% महिलाएँ निदान नहीं करा पातीं। इस विकार के प्रति जागरूकता बढ़ाने से प्रभावित महिलाओं को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सकती है। हालाँकि PCOS अनुवांशिक रूप से विरासत में मिलता है, पर्यावरणीय कारक भी इसकी संवेदनशीलता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीसीओएस न केवल गर्भधारण (Pregnancy) में बाधा डालता है, बल्कि गर्भावस्था के दौरान भी कई जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है। उचित निदान और समय पर उपचार से गर्भधारण की संभावना बढ़ाई जा सकती है। PCOS से ग्रसित महिलाओं के लिए आवश्यक है कि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह लें।