मधुमेह (Diabetes) से ग्रसित व्यक्तियों में मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख कारणों में जटिलताओं के बढ़ने का डर (76 प्रतिशत) शामिल है। इसके अतिरिक्त, रोजाना डायबिटीज का प्रबंधन (72 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों से सहायता प्राप्त करना (65 प्रतिशत), और दवाओं तथा आपूर्ति तक पहुंच (61 प्रतिशत) भी महत्वपूर्ण कारक हैं।
महिला और पुरुष को लेकर रिपोर्ट : Report on men and women
महत्वपूर्ण यह है कि इस आंकड़े ने लैंगिक असमानता को भी स्पष्ट किया है। मधुमेह (Diabetes) से ग्रस्त लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने की बात कही, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 84 प्रतिशत था।
इसके अतिरिक्त, 85 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों ने बताया कि वे डायबिटीज बर्नआउट का अनुभव कर रहे हैं, अर्थात् इसे नियंत्रित करते-करते उनमें मानसिक थकान उत्पन्न हो गई है। इनमें से 73 प्रतिशत ने स्वीकार किया कि इस तनाव या थकान के कारण उन्होंने कभी न कभी अपना नियमित उपचार बीच में ही रोक दिया था।
मधुमेह का कारण अवसाद व चिंता : Diabetes causes depression and anxiety
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लगभग 80 प्रतिशत लोगों ने अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक सहायता की आवश्यकता जताई है। सर्वेक्षण के परिणामों से यह स्पष्ट हुआ है कि वैश्विक स्तर पर मधुमेह से प्रभावित 77 प्रतिशत व्यक्तियों ने अपने मधुमेह के कारण चिंता और अवसाद का सामना किया है।
डायबिटीज शारीरिक और मानसिक दोनों प्रभावित : Diabetes affects both physically and mentally
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर पीटर श्वार्ज ने बताया, डायबिटीज शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। देखभाल का ध्यान अक्सर केवल शुगर लेवल को कम करने पर होता है, जिससे कई लोग असुविधा महसूस करते हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।