कब्ज़ और दिल के दौरे का संबंध | Constipation and heart attack
कब्ज़ (Constipation) को केवल एक मामूली असुविधा समझने का खतरा है, लेकिन यह शरीर पर अधिक दबाव डालने का कारण बन सकता है, खासकर पेट और दिल पर। जब आपका शरीर नियमित रूप से मल त्याग में परेशानी महसूस करता है, तो यह पेट में दबाव को बढ़ाता है, जो न केवल पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि रक्तचाप और हृदय गति को भी प्रभावित करता है, जो दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण बन सकते हैं।कब्ज़ के कारण दिल की समस्या कैसे हो सकती है? | Constipation and heart attack
- हृदय पर दबाव
जब कोई व्यक्ति कब्ज़ (Constipation) के दौरान मल त्याग के लिए जोर लगाता है, तो पेट और हृदय पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। यह दबाव रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है, जिससे दिल की धड़कन में रुकावट आ सकती है और दिल सही से काम नहीं कर पाता। - कम रक्त प्रवाह और वैल्सल्वा मानेवर
कब्ज़ (Constipation) के दौरान लंबे समय तक जोर लगाने से वैल्सल्वा मानेवर नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें श्वास रोककर जोर लगाया जाता है। इससे रक्त प्रवाह में कमी आती है, जिससे हृदय की गति असामान्य हो सकती है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। - हृदय रोगों के लिए बढ़ा हुआ जोखिम
जो लोग पहले से हृदय रोगों से पीड़ित हैं, उनके लिए कब्ज़ के दौरान जोर लगाना और अधिक खतरनाक हो सकता है। यह हृदय के लिए अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे हृदय रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, एंगाइना और हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। - वागस नस का उत्तेजन
कब्ज़ के दौरान जोर लगाने से वागस नस उत्तेजित हो सकती है, जो हृदय गति को नियंत्रित करती है। इस नस की अत्यधिक उत्तेजना अचानक हृदय गति और रक्तचाप को कम कर सकती है, जिससे चक्कर, मितली और यहां तक कि दिल का दौरा भी हो सकता है।
कब्ज़ के लक्षण जो दिल की समस्या का संकेत हो सकते हैं | Constipation and heart attack
- मल त्याग में कठिनाई
- सीने में कसाव या दर्द, खासकर जोर लगाने के दौरान
- अनियमित हृदय गति या दिल का तेज़ धड़कना
- थकान महसूस होना, भले ही पर्याप्त आराम किया हो
- पैरों या टखनों में सूजन
- लेटने पर खांसी का होना
- अचानक रक्तचाप या हृदय गति में गिरावट के कारण चक्कर आना
कब्ज़ से बचाव के उपाय | Remedies to prevent constipation
कब्ज़ से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव :- आहार में सुधार करें: ताजे फल, सब्जियां, पूरे अनाज, दालें, और लो-फैट प्रोटीन खाएं। इनसे कब्ज़ में राहत मिल सकती है।
- हाइड्रेशन: हर दिन कम से कम 1 से 2 लीटर पानी पिएं ताकि मल नरम बने और बाहर निकलना आसान हो।
- व्यायाम करें: रोज़ 45 मिनट से अधिक समय तक व्यायाम करें। यह पाचन क्रिया को सक्रिय करता है और हृदय को भी स्वस्थ रखता है।
- डॉक्टर से सलाह लें: यदि कब्ज़ से आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही हो,. तो डॉक्टर से परामर्श लें। वह आपको कुछ दवाइयां और स्टूल सॉफ्टनर सुझा सकते हैं।
कब्ज़ को हल्के में लेना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर इसे अनदेखा किया जाता है, तो यह दिल के दौरे का कारण बन सकता है। स्वस्थ आहार, व्यायाम और उचित चिकित्सा देखभाल से आप कब्ज़ और हृदय रोग दोनों से बच सकते हैं।