सीकेडी और टाइप 2 डायबिटीज से बढ़ता जोखिम Increased risk of CKD and type 2 diabetes
शोध में पाया गया कि यदि किसी व्यक्ति को क्रोनिक किडनी डिजीज है, तो हृदय रोग का जोखिम उन लोगों के मुकाबले आठ साल पहले बढ़ जाता है, जिनमें यह बीमारी नहीं है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) वाले लोगों में यह जोखिम बिना इस बीमारी वाले व्यक्तियों की तुलना में लगभग 10 साल पहले शुरू हो सकता है।
महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग प्रभाव
सीकेडी और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित महिलाओं में हृदय रोग का जोखिम 26 साल पहले और पुरुषों में 28 साल पहले बढ़ने का अनुमान है। यह अध्ययन उन रोगियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है, जो इन बीमारियों से जूझ रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने दिल की सेहत पर ध्यान देना अब और भी अधिक जरूरी हो गया है। यह भी पढ़ें : Weight loss का सबसे आसान तरीका , 1 घंटे में घटाएं 500 से 800 कैलोरी क्या है सीकेएम सिंड्रोम?
सीकेएम सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें कार्डियोवैस्कुलर, किडनी और मेटाबोलिक रोगों का एक संयोजन होता है। यह संयोजन हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है। शोध में यह बात सामने आई है कि इन सभी जोखिमों का एक साथ होना व्यक्ति के स्वास्थ्य पर और भी गंभीर असर डालता है।
शोध के परिणाम और भविष्य में इसका प्रभाव
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता वैष्णवी कृष्णन ने कहा, “हमारे निष्कर्ष यह समझने में मदद करते हैं कि सीवीडी के जोखिम को किस उम्र में और किस हद तक बढ़ने की संभावना है। अगर किसी व्यक्ति का रक्तचाप, ग्लूकोज और किडनी फंक्शन बॉर्डरलाइन पर हैं, तो उसे इन जोखिमों के बारे में जानने की जरूरत है।” अध्ययन में यह भी पाया गया कि सीकेएम सिंड्रोम के बिना, महिलाओं के लिए हृदय रोग का जोखिम बढ़ने की आयु 68 वर्ष और पुरुषों के लिए 63 वर्ष हो सकती है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का आगामी सत्र
इस महत्वपूर्ण अध्ययन के निष्कर्ष 16 से 18 नवंबर 2024 तक शिकागो में होने वाले अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किए जाएंगे। इस सत्र में विशेषज्ञों के साथ और भी गहरे विश्लेषण की उम्मीद है, जिससे हृदय रोग और संबंधित बीमारियों के जोखिमों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। यह भी पढ़ें : Workout to Melt Belly Fat : 11 मिनट में जला देगी 100 कैलोरी, देखें वीडियो यह शोध यह स्पष्ट करता है कि क्रोनिक किडनी डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को हृदय रोग के खतरे के बारे में अधिक जागरूकता और निगरानी की आवश्यकता है। समय रहते इन बीमारियों का इलाज और सावधानी बरतना दिल की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है।