दूध पीने से हार्ट अटैक को लकर क्या कहती है रिसर्च : What does research say about heart attack due to drinking milk?
वैज्ञानिकों ने दूध को लेकर एक अध्ययन में पाया है कि दूध लैक्टोज के मुख्य स्रोत में से एक होता है जो हमारे हार्ट के लिए हानिकारक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि लो फैट दूध भी आपके लिए हार्ट अटैक (heart attack) का खतरा बन सकता है। अध्ययन को लेकर अभी तक दूध से बनी चीजों पर रोक लगाने को लेकर अभी कोई बात सामने नहीं आई है। द सन यूके में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हृदय रोगियों और जो लोग उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल या शुगर जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं, उन्हें दूध के सेवन के प्रति जागरूक रहने को कहा गया है। हम स्वस्थ रहने के लिए इन चीजों का सेवन करते हैं लेकिन अति हर चीज की बुरी होती है। रिपोर्ट में महिलाओं को लेकर बात कही गई है कि यदी महिलाएं दूध का सेवन करती हैं तो उनको हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। इसका कारण यह बताया है कि दूध से मिलने वाला फैट महिलाओं की दिल की धमनियों में आसानी से जमा हो सकता है।
पुरुषों के लेकर क्या कहती है रिसर्च : What does research say about men?
रिसर्च पुरुषों में हार्ट अटैक
(heart attack) के खतरे का कम बताया है। उनका मानना है कि पुरुष चीनी के दुष्प्रभावों को बेहतर तरीके से सहन कर लेते हैं। पुरुषों का शरीर शुगर को आसानी से पचा लेता है, जिससे उन्हें दूध या लैक्टोज युक्त उत्पादों से होने वाले हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह अध्ययन लगभग 10 लाख व्यक्तियों पर आधारित था, जिनमें से अधिकांश में ऐसे उत्पादों से उत्पन्न होने वाले खराब वसा की मात्रा अधिक पाई गई।
अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया है कि 600 मिलीलीटर दूध पीने से हार्ट अटैक (heart attack) का जोखिम 12% तक बढ़ सकता है, जबकि यदि कोई पहले से बीमार व्यक्ति प्रतिदिन 800 मिलीलीटर दूध का सेवन करता है, तो उसे 21% तक हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
कैसे करें हार्ट अटैक के रिस्क को कम : How to reduce the risk of heart attack
हार्ट अटैक के रिस्क को कम करने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा जैसे - कम से कम फैट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए।
- स्किम्ड मिल्क या लो फैट मिल्क पीएं।
- प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन अधिक करें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करें।
डिसक्लेमरः यह जानकारी सिर्फ मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। किसी भी चीज को अम्ल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें। राजस्थान पत्रिका इस खबर का दावा नहीं करता है।