सामान खरीदने या मेडिकल की दुकान पर जाने के दौरान आशंका है कि हमारे कपड़ों और जूतों से कोरोना वायरस के घर तक पहुंचने का अंदेशा है। जूते या कपड़े वायरस के संक्रमण का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है। वैज्ञानिकों का मत है कि वायरस सतह पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है। जबकि धातु और प्लास्टिक पर यह 2 से 3 दिनों तक जीवित रह सकता है। लेकिन वैज्ञानिक कपड़ों पर इसके ज्यादा जीवित रहने को अनुकूल नहीं मानते। कॉमनस्पिरिट हेल्थ के संक्रामक रोग विशेषज्ञ और उपाध्यक्ष डॉ. कैथलीन जॉर्डन का कहना है कि इस बारे में हमारा सर्वश्रेष्ठ अध्ययन इन्फ्लूएंजा और पहले से ज्ञात अन्य फ्लू वायरस के समान ही है। लेकिन सामान्य रूप से कपड़ों को वायरस का सबसे अच्छा इनक्यूबेटर नहीं माना जाता।
कपड़ों की तुलना में जूते अधिक गंदे होते हैं इसलिए उनके जरिए घर में बैक्टीरिया और अन्य दूषित पदार्थों को घर में ला सकते हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की ओर से प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि नोवेल कोरोना वायरस जूते के ठोस तलवों पर जीवित रह सकता है। अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने चीन के वुहान में एक अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में चिकित्सा स्टाफ के सदस्यों द्वारा पहने गए जूते के तलवों से नमूने लिए। उन्होंने पाया कि कोविड-19 के लिए आधे नमूनों का परीक्षण पॉजिटिव था। इन निष्कर्षों ने शोधकर्ताओं को सुझाव दिया है कि चिकित्सा स्टाफ के जूते रोग वाहक के रूप में वायरस को अस्पताल तक ला सकते हैं। बहरहालए विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि ज्यादातर मामलों में जूते नोवेल कोरोनावायरस के संचरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।