पिस्ता में विटामिन-ए की प्रचुरता होती है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने और उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक है। पिस्ता में फाइबर, कार्ब्स, और एमिनो एसिड जैसे पोषक तत्व भी होते हैं। इसके अलावा, पिस्ता में संतृप्त वसा, पॉलीअनसैचुरेटेड वसा, ओलिक और लिनोलिक एसिड, और प्रोटीन जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी मौजूद हैं।
PPistachios are beneficial for eyesight : आंखों की रोशनी में फायदेमंद पिस्ता
यदि आपके आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है और आप इसे बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए पिस्ता (Pistachios for eye health) आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। कई ड्राईफ्रूट्स आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी माने जाते हैं लेकिन पिस्ता विशेष रूप से आंखों के लिए सही होता है। पिस्ता में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आंखों के रेटिना के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। उम्र से संबंधित मैकुलर डिजनरेशन (एएमडी) की समस्या से बचने के लिए भी पिस्ता का सेवन लाभकारी माना जाता है। कब और कैसे करें पिस्ता का सेवन : When and how to consume pistachios
पिस्ता (Pistachios for eye health) एक सूखा मेवा है जिसे आप प्रतिदिन खा सकते हैं। इसे नाश्ते में शामिल किया जा सकता है और भुना हुआ पिस्ता एक स्वादिष्ट विकल्प है। पिस्ते को गुनगुने दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले पीना फायदेमंद होता है। सुबह के समय, भिगोए हुए पिस्ते का सेवन भी किया जा सकता है। एक दिन में लगभग 35 से 45 ग्राम पिस्ता खाना उचित है। बाजार में उपलब्ध पहले से छिले हुए पिस्ते का सेवन करने से बचें। पिस्ते को सुरक्षित रखने के लिए एयरटाइट कंटेनर का उपयोग करें।
यदि आप पिस्ता (Pistachios for eye health) के स्वास्थ्य लाभों का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं, तो सुबह के समय इसका सेवन करें। दिन में 3 से 4 पिस्ता खाना उचित रहेगा। पिस्ता की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। बाजार में मिलने वाले मीठे और नमकीन पिस्ते से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे पिस्ते में सोडियम और चीनी की अधिक मात्रा होती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।