सिंघाड़ा फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। अकसर सर्दी के मौसम में लोग इस फल को खाना पसंद करते हैं। इसमें विटामिन ए विटामिन सी मैंगनीज कार्बोहाइड्रेट सिट्रिक एसिड मैंगनीज थायमाइन रीबोफ्लेविन फास्फोराइलेज बीटा-एमिलेज, प्रोटीन और निकोटेनिक एसिड पाया जाता है। इनके अलावा भी सिंघाड़े में कई विटामिंस और मिनरल्स होते हैं जिससे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ मिलता है।
सिंघाड़ा सर्दी में खाया जाने वाला एक फल है। यह जलीय पौधे का फल होता है। सिंघाड़े की स्वाद मधुर और तासीर ठंडी होता है। आयुर्वेद के अनुसार ठंडा तासीर होने के कारण पित्त प्रकृति के लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। इसे पित्त वात और कफ प्रकृति लोग खा सकते हैं। सिंघाड़ा रक्तपित्त और मोटापे को कम करने में फायदेमंद होता है।
वैसे तो अधिकतर लोग सिंघाड़े का फल खाना पसंद करते हैं। सिंघाड़े का सेवन छीलकर किया जा सकता है। आप चाहें तो कच्चे सिंघाड़े को फ्राई करके भी खा सकते हैं। इसके साथ ही सिंघाड़े का सेवन आटा के रूप में रोटी बनाकर भी किया जा सकता है।
वजन कम करने के लिए सिंघाड़े का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में कैलोरी बहुत कम होती है जिससे वजन कम होता है। 100 ग्राम सिंघाड़े में सिर्फ 97 कैलोरी होती है। साथ ही इसमें फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है। फाइबर देरी से पचता है जिससे भूख कम लगती है और वजन कम होने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो सिंघाड़े का सेवन कर सकते हैं। वजन घटाने के लिए यह फल बहुत फायदेमंद है।
सिंघाड़ा बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है जो बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। फाइबर मल त्याग को आसान बनाता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है। जब कब्ज ठीक होने लगता है तो बवासीर की समस्या से भी निजात मिल जाता है।
सिंघाड़े में विटामिंस और मिनरल्स काफी अच्छा मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शरीर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है। इससे दांतों और हड्डियों को मजबूती मिलती है। सिंघाड़े में कैल्शियम बहुत अधिक पाया जाता है। जिससे दांतों और हड्डियां मजबूत और बेहतर बनती है।
सिंघाड़ा बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज में भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़े में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है जो बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है। फाइबर मल त्याग को आसान बनाता है जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है। जब कब्ज ठीक होने लगता है तो बवासीर की समस्या से भी निजात मिल जाता है।
प्रेगनेंसी में सिंघाड़े का सेवन आसानी से किया जा सकता है। यह मां और भ्रूण दोनों के लिए फायदेमंद होता है। सिंघाड़े के सेवन से गर्भपात होने का खतरा भी कम रहता है। इतना ही नहीं इसके सेवन से पीरियड्स से संबंधित समस्याएं भी दूर होती है।