मिट्टी के बर्तन में यदि आप खाने का सेवन करना पसंद करते हैं तो ये स्वाद के साथ स्वस्थ रहने में भी मदद करता है। आज भी बहुत से व्यक्ति ऐसे होते हैं जो मिट्टी से बने हुए बर्तनों में ज्यादातर खाना खाते हैं, ये बर्तन बहुत सारे पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं, वहीं इनमें भोजन करने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। यदि आपके पेट में दर्द या गैस की समस्या रहती है तो इसके बर्तनों में खाने का सेवन करना फ़ायदेमन्द हो सकता है।
कांस्य धातु के बर्तन में यदि आप भोजन करते हैं तो ये खाने को आसानी से डाइजेस्ट करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि यदि आप भूख न लगने कि समस्या से ग्रसित रहते हैं तो कांस्य के बर्तनों में भोजन करना फ़ायदेमन्द साबित हो सकता है, क्योंकि ये भूख को बढ़ाने में मदद करता है। इस बर्तन में दही और खट्टे चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
ताम्बे के बर्तन में माना जाता है कि इस बर्तन में भोजन करना बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है, वहीं जिन व्यक्तियों के किडनी में स्टोन की समस्या रहती है वे इसके बर्तनों में खाना खा सकते हैं। वहीं इस बर्तन में खाना खाने से गैस की समस्या भी दूर हो जाती है।
आमतौर पर आजकल अधिकतर लोग स्टील के बर्तनों में ही खाना खाते हैं, लेकिन वहीं आयुर्वेद के अनुसार देखें तो स्टील के बर्तन में भोजन करने से हड्डियों से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, वहीं हड्डियां भी धीरे-धीरे कमजोर भी हो सकती हैं।
लोहे के बर्तनों में भोजन पकाना और खाना दोनों ही फ़ायदेमन्द होता है, क्योंकि लोहे में आयरन की मात्रा भरपूर होती है, और माना जाता है कि जो व्यक्ति एनेमिया का शिकार है या जिसके बॉडी में आयरन की कमी रहती है उसे लोहे के बर्तनों में खाना जरूर खाना चाहिए।
पुराने जवाने के लोग अक्सर चांदी या सोने के बर्तनों में खाना अधिक पसंद करते थे, माना जाता है कि चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर लम्बे समय तक एनर्जेटिक बना रहता है वहीं हड्डियां भी मजबूत होती हैं और जो व्यक्त सोने के बर्तन में खाना खाते हैं इससे दिमाग तेज होता है वहीं मानसिक सेहत भी स्वस्थ बनी रहती है।