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Morning Tea and Coffee Disadvantages: सुबह की चाय और कॉफी को कहें अलविदा, गुड़ और पेठा का करें सेवन

Say Goodbye to Morning Tea and Coffee : हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति जीवन का सरल तरीका बताती है। आयुर्वेद मर्ज को नहीं बल्कि मरीज न बनें इसकी सलाह देता है। हर मौसम के लिए अलग रेसिपी, खान पान का सधा अंदाज सेहत के लिए राहत का सबब बन सकता है।

जयपुरAug 10, 2024 / 01:43 pm

Manoj Kumar

Say Goodbye to Morning Tea and Coffee

Say Goodbye to Morning Tea and Coffee

Say Goodbye to Morning Tea and Coffee : आयुर्वेद, हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति, जीवन जीने के सरल तरीके सिखाती है। इसका उद्देश्य केवल मर्ज का इलाज नहीं है, बल्कि मरीज की सेहत को दुरुस्त रखना है। हर मौसम की अपनी विशेष रेसिपी और खानपान की आदतें होती हैं, जो हमें सेहतमंद रख सकती हैं। मौसमी परिवर्तन के साथ हमारे भोजन में भी बदलाव लाना चाहिए।

सावन की ठंडक और पकौड़ों की आदत The coolness of the month of Saavan and the habit of pakoras

सावन समाप्त होने के बाद भादो का मौसम शुरू हो चुका है। इस दौरान बारिश होती है, और चाय पकौड़े खाने की आदत बढ़ जाती है। हालांकि, आयुर्वेद (Ayurved) के अनुसार, तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। तेल के बजाय देसी घी का उपयोग शरीर की दिक्कतों से बचाव कर सकता है।

चाय और कॉफी: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण Morning Tea and Coffee Disadvantages : The Ayurvedic Perspective

सुबह उठते ही चाय या कॉफी की आदत आम है, लेकिन आयुर्वेद (Ayurved) इसे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं मानता।
Morning Tea and Coffee Disadvantages
Morning Tea and Coffee Disadvantages : Ayurvedic Mantra Replace Morning Tea Replace with Jaggery and Petha


चाय और कॉफी के संभावित नुकसान Tea and coffee side effects

सुबह-सुबह चाय या कॉफी (Early morning tea or coffee) पीने से पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, ये पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं और ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Levels) को प्रभावित कर सकते हैं।

पेट और न्यूरोलॉजिकल दिक्कतों से बचाव Prevention of stomach and neurological problems

पेट संबंधी समस्याओं के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी हो सकती हैं। चाय और कॉफी में कड़वे रस के गुण होते हैं, जो वात को बढ़ाते हैं और नसों से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इनसे बचने के लिए अधिक गर्मियों में शुद्ध देसी विकल्पों का सेवन करना बेहतर होता है।

आईसीएमआर की सलाह ICMR advice

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने हाल ही में भारतीयों के लिए एक रिवाइज्ड डाइट गाइडलाइंस जारी की है। इसमें चाय और कॉफी के सेवन के बारे में सलाह दी गई है कि खाने से एक घंटे पहले और बाद में इन्हें नहीं पीना चाहिए, क्योंकि ये आयरन के पाचन में बाधा डाल सकते हैं और एनीमिया का खतरा पैदा कर सकते हैं।

आदतों का बदलाव और सुखी जीवन Change of habits and happy life

चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है और मनोवैज्ञानिक निर्भरता पैदा करता है। आयुर्वेद का संदेश है कि हमें आदतों से बचना चाहिए और सेहतमंद जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।
आयुर्वेद (Ayurved और आधुनिक चिकित्सा दोनों के दृष्टिकोण से, सुबह की चाय और कॉफी की आदत को बदलना फायदेमंद हो सकता है। शुद्ध देसी विकल्प जैसे फल, गुड़, और पेठा (Jaggery and Petha) न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि एक संतुलित जीवन जीने में भी मदद करेंगे।

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