खानाा खाने के बाद नहाने की आदत है तो समझ लें आप अपने पेट के दुश्मन हैं। आयुर्वेद में हर काम के लिए एक दिनचर्या निर्धारित की कई है। अगर उसके विपरीत कोई काम करता है तो उससे बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है। क्योंकि आयुर्वेद शरीर की प्रकृति और मौसम के अनुसार ही उपचार करता है। आयुर्वेद में खाना खाने के करीब दो घंटे तक नहाने की मनाही है क्योंकि नहाने से हमारे शरीर का तापमान कम हो जाता है और शरीर में मौजूद फायर एलिमेंट जो खाना पचाने में मदद करते हैं वह एक्टिवेट नहीं हो पाते। खाने खाने के बाद ये फायर एलिमेंट एक्टिव होकर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं, लेकिन नहाते ही ये इनएक्टिव हो जाते हैं। इससे डाइजेशन सिस्टम स्लो हो जाता है।
खाने के बाद टहलना बहुत अच्छा होता है, लेकिन एक चूक से आपका ये फायदा खत्म हो सकता है, अगर आप तेज वॉक करते हैं तो। खाने के तुरंत बाद तेज-तेज चलना डाइजेशन के लिए नुकसानदायक हो सकता है। तेज चलने से वात प्रक्रिया तेज होती है और डाइजेशन खराब। आपकी इस गलती से खाने के बाद पेट में सूजन, न्यूट्रिशन एब्सर्प्शन में कमी और बेचैनी की दिक्कत हो सकती है।
आयुर्वेद में नहाने से लेकर खाने और सोने तक का समय निर्धारित है। अगर आप देर रात या दिन बीतने के बाद खाना खाते हैं तो आपके पोषक तत्वों से भरे खानपाना का भी शरीर को फायदा नहीं मिलेगा। अगर आप शाम 8 बजे के बाद या दोपहर दो बजे के बाद लंच या डिनर करते हैं तो ये आपके शरीर को फायदा नहीं देगा और केवल आपकी भूख को शांत करेगा। आयुर्वेद में दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच लंच और रात में 6 बजे से आठ बजे के बीच डिनर करना सही माना गया है। दोपहर में दो बजे के बाद भोजन करके नुकसान ये होते हैं कि उस समय सूरज की गर्मी ढलान की ओर होती है और शरीर का पित्त भी कम होने लगता है। ऐसे में खाना आसानी से नहीं पचता। वहीं, रात होते-होते पाचन प्रक्रिया बेहद स्लो होती जाती है। इसलिए शाम आठ बजे से पहले खाना खाने से उसे पचाना आसान होता है।
दही खाना सेहत के लिए बहुत अच्छी है, लेकिन रात में नहीं। दही रात में खाने से वात और पित्त दोष बढ़ता है। रात के वक्त शरीर में कफ प्राकृतिक रूप से हावी रहती है और दही खाने से ये और बढ़ सकती है। इससे कफ आंत और कब्ज की समस्या बढ़ सकती है।
पूरी-समोसे, चाट-पकौड़ी या मठरी के साथ चाय का कांबिनेशन भले ही आपको बहुत जमता होगा, लेकिन ये आपके लिवर को कतई पसंद नहीं। ऐसा करके आप लिवर को खराब या फैटी बनाने का काम करते हैं। हालांकि, कुछ भी खाने के बाद चाय या कॉफी पीना आपके हाजमे को ही खराब नहीं करता, बल्कि अपाके खाने में मौजूद पोषक तत्वों को भी शरीर में अवशोषित नहीं होने देता।
दोपहर या रात में खाने के बाद तुरंत बिस्तर पकड़ लेना आपकी एसिडिटी, अपच या गैस का कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार रात को खाने और सोने के बीच करीब तीन घंटे का गैप होना ही चाहिए।