जो लोग संक्रमित नहीं हुए, उनकी नाक के ऊतक में रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया संक्रमित हुए लोगों से तेज थी। नेचर जर्नल में छपे शोध के मुताबिक कुछ लोगों में रोग प्रतिरोधक सेल्स तेजी से काम करती हैं। इससे पहले कि वायरस कोशिकाओं को संक्रमित करे, उसे खत्म कर देते है। एक जीन की इसमें भूमिका होती है, जो कुछ लोगों में बहुत एक्टिव होता है।
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर क्रिस्टोफर चियू का कहना है कि
कोविड की रोकथाम के लिए यह शोध मददगार हो सकता है। अन्य महामारियों की रोकथाम के लिए भी इससे नई दिशा मिल सकती है। महामारी के लिए जो वैक्सीन इस्तेमाल की जाती हैं, उनमें कुछ लोगों के इम्यून सिस्टम (Immune System) को कॉपी किया जा सकता है।
एक्टीवेट करती हैं मैट कोशिकाएं
कुछ लोगों की नाक के ऊतक में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Disease resistance) को मैट (म्यूकोसल-एसोसिएटेड इनवेरिएंट टी) कोशिकाएं एक्टीवेट करती हैं। ऐसे लोगों में एचएलए-डीक्यूए-2 नाम का जीन भी ज्यादा मिला। शोध से पता चला कि कैसे इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से बचाता है।