अगर नहीं, तो इस रिपोर्ट में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों भादो के महीने में ही दही (Curd in Bhadon) या उससे बने पदार्थों का सेवन करने से हमें बचना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के बाद भादो का महीना शुरू होता है। यह इस बार 23 अगस्त से लेकर 22 सितंबर तक रहने वाला है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का छठा महीना होता है। इस महीने में दही सहित कई चीजों का खाना वर्जित बताया गया है। वैसे तो दही में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, लेकिन भादो के महीने में इसे विशेष रूप से खाने से मना किया जाता है। इस महीने अगर आप दही खाते हैं, तो इससे आपके स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा।
आयुर्वेद में क्या कहा गया है?
Avoid consuming curd or its products in the month of Bhadon : आयुर्वेद भी स्पष्ट कहता है कि भादो के महीने में दही (Curd in Bhadon) या उससे बने पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अगर आप बारिश के मौसम में दही खाते हैं, तो इससे आपके गले में कफ जम जाएगा। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में त्रिदोष की वजह से बीमारियां होती हैं जिसे वात, पित्त और कफ कहा गया है। इसमें से दही का इस महीने में सेवन कफ दोष को बढ़ाने वाला होता है। इस महीने में दही का सेवन करने से गले में खराश, सर्दी और जुकाम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, कई और बीमारियां भी हो सकती हैं।
दही का सेवन क्यों है हानिकारक? Curd in Bhadon: Harmful or Healthy? Uncover the Truth
विशेषज्ञों का कहना है कि भादो के महीने (Curd in Bhadon) में दही में ज्यादा मात्रा में बेक्टरिया पाए जाते हैं, जो आपकी आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, यह आपके जोड़ों के दर्द की वजह भी बन सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसका सेवन करने से हमें बचना चाहिए। वहीं, इस माह में दही का सेवन करने से श्वास रोग की समस्या भी बढ़ सकती है। अगर आपको सांस लेने की दिक्कत है, तो इस मौसम में दही का सेवन करने से परहेज करें। इस महीने में दही का सेवन करने से आपके पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकते हैं। अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो इस महीने दही का सेवन तो भूलकर भी ना करें। इसके अलावा, दही के अलावा कुछ भी खाएं, तो उसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।दही के स्थान पर क्या खाएं?
भादो के महीने में अगर (Curd in Bhadon) आप दही का सेवन नहीं कर रहे हैं, तो इसकी जगह आप छाछ या मठा का सेवन कर सकते हैं। ये दोनों ही पाचन के लिए हल्के होते हैं और इनका ठंडा प्रभाव भी कम होता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां, ताजे फल, और दालों का सेवन भी शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।सावधानियां और सुझाव
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: भादो के महीने में खानपान के साथ-साथ साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। खाने के पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं और फल-सब्जियों को साफ करके ही खाएं।
- दूसरे डेयरी उत्पादों का सेवन: अगर आप दही का सेवन नहीं कर रहे हैं, तो दूध, पनीर या छाछ का सेवन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इनका सेवन भी ताजगी के साथ ही करें।
- संक्रमण से बचें: इस मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए बाहर के खाने से बचें और ताजे, घर के बने खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें।