कब्ज व मल त्याग में फायदेमंद 5 फूड : 5 foods beneficial for constipation and bowel movement
सुखा आलूबुखार का सेवन कब्ज (constipation and bowel movement) में आलूबुखार का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह बेर की एक किस्म होती है। आलूबुखार में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है लगभग एक कप आलूबुखारा में 12 ग्राम फाइबर होता है। आलूबुखार में सोर्बिटोल भी पाया जाता है जो प्रोबायोटिक के रूप में कार्य करता है और फाइबर की समस्या में राहत दिलाता है। यदि आप कच्चे आलूबुखारा का सेवन नहीं कर पाते हैं तो आप इसका रस पी सकते हैं। पटसन के बीज का सेवन अलसी का सेवन आपको कब्ज (constipation and bowel movement) की समस्या से राहत दिला सकता है। अलसी में पाए जाने वाले घुलनशील और अघुलनशील आपके मल त्याग को बेहतर बनाते है। आपको साबुत अलसी का उपयोग नहीं करके पीसी हुई अलसी का सेवन करना चाहिए जो आपको बेहतर लाभ दे सकती है।
ओट्स का सेवन अक्सर लोग ओट्स को कम लाभकारी समझते हैं और जब बात मल त्याग परेशानी की करें तो इसे हल्के में आंक लेते हैं। महत्वपूर्ण विटामिन, प्रोटीन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स की प्रचुरता हमारी आंतों के लिए सही होती है। यदि आप ओट्स का सेवन करते हैं तो इससे मल सही हो जाता है जिससे मल त्याग में आसानी हो जाती है। ओट्स खरीदते समय ज्यादा फाइबर वाला ओट्स खरीदे।
अंजीर का सेवन अंजीर का सेवन आपको कब्ज (constipation and bowel movement) से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है। एक सुखे अंजीर में लगभग 1.83 ग्राम फाइबर होता है। 2016 के एक अध्ययन के अनुसार अंजीर का पेस्ट के सेवन से पेट की समस्या, मल त्याग, और कोलोनिक पारगमन को तेज करने में फायदा मिलता है। आप अंजीर को अकेले खाने के अलावा जिसे सलाद के रूप में खा सकते है।
शकरकंद का सेवन शकरकंद फाइबर के साथ विटामिन और खनिजों से भी भरपूर होता है। छिलके सहित एक शकरकंद में लगभग 3.86 ग्राम फाइबर पाया जाता है। यदि आप शकरकंद खाते हैं तो यह आपको शौच करने में फायदा पहुंचाता है। आप शकरकंद का उपयोग तल कर या मैश करके खा सकते हैं।
कब्ज के लक्षण - कब्ज की समस्या होने पर मल गांठदार, सूखा या कठोर हो सकता है।
- मल त्याग करते समय असुविधा या दर्द हो सकता है।
- भूख न लगना।
- पेट भरा हुआ महसूस होना।
- पेट फूला हुआ रहना।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।