हाथरस कांड: 3 मिनट की भगदड़ में मौत का तांडव, लाशों के ढेर में अपनों को ढूंढ़ते नजर आए लोग
Hathras Stampede Accident: हाथरस में पिछले कई दिन से चल रही तैयारियों के बीच तीन मिनट की भगदड़ ने मौत का ऐसा तांडव मचाया कि जिसने भी सुना उसके हाथ पांव फूल गए। अपनों की जमीन पर लावरशि की तरह से पड़ी लाशों को देखकर गश खाकर जमीन पर गिर पड़े।
Hathras Stampede Accident: सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 122 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण विश्वहरि उर्फ भोले बाबा सत्संग समाप्त करने के बाद बाहर निकल रहे थे। बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने श्रद्धालुओं को जाने के लिए कहा, तो वहां एकाएक भगदड़ की स्थिति बन गई। जो श्रद्धालु गर्मी सहन नहीं करने के चलते जमीन पर गिर पड़े और बैठ गए थे, उन्हें उठने का मौका तक नहीं मिला।
दिल्ली-कानपुर हाइवे के किनारे चल रहे सत्संग में हुए हादसे में लोग घंटों मदद की आस में तपड़ते रहे। लोगों के पैरों तले कुचले गए लोग प्यास से व्याकुल जमीन पर बेहोश पड़े थे। कोई एक बूंद पानी पिलाने वाला नहीं था। सब अपनी जान बचाकर भागते नजर आए।
सीएचसी का मंजर देख कांप उठी रुह
सिकंदराराऊ सीएचसी का मंजर देखने वालों की रुह कांप उठी। शवों को लेकर शायरन बजाती तेज रफ्तार से आ रही एम्बुलेंस और अफसरों का जमावड़ा पहली बार देखने को मिला। लोग रोते बिखलते स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल हुए और अपनों की लाशों को ढूंढते नजर आये।
जानें कैसे हुई घटना
हाथरस के सिकंदराराऊ में मंगलवार को जीटी रोड पर फुलरई मुगलगढ़ी गांव के निकट मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन हुआ। आयोजन के बाद मची भगदड़ में 122 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त मौके पर मौजूद पुलिस बल और कार्यक्रम में आये लोगों ने कार्यक्रम स्थल के पास खेत में बने दलदल में फंसे लोगों को बाहर निकाला और लोगों की मदद से उन्हें सीएचसी सिकंदराराऊ भिजवाया।
तेजी से बढ़ा मरने वालों का आंकड़ा
शुरुआत में सीएचसी पर एक ही बार में 25 शव लाये गये,लेकिन धीरे धीरे यह आंकड़ा एक साथ तेजी के साथ बढ़ता गया। एक साथ तमाम लोग घटना स्थल पर बेहोश हुए तो ऐसे में पुलिस प्रशासन के पास उन्हें अस्पताल तक लाने के भी कोई इंतजाम नहीं थे। लिहाजा कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मैक्स, बस और अन्य वाहनों से लोगों को सीएचसी तक लाया गया। लिहाजा धीरे धीरे मौतों का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ता चला गया।
सायरनों की आवाज सुनकर लोग घरों से बाहर निकले
सायरनों को सुनकर बाहर निकले लोग हादसे के बाद घायलों को सीएचसी पर लेकर आ रही एम्बुलेंस के बजते सायरनों को सुनकर जीटी रोड के दुकानदार अपनी अपनी दुकानों को छोड़कर बाहर निकल आये। उसके बाद अफसरों की गाड़ियों के काफिलों की लंबी लाइन लग गई। प्राइवेट वाहनों को पुलिस ने सीएचसी के लिए जाने वाले रास्ते से पहले ही रोक दिया गया।
116 लोगों के मरने की पुष्टि
अलीगढ़ से आई डॉक्टरों की टीम सत्संग में हुए हादसे को लेकर अलीगढ़ स्वास्थ्य महकमा अर्लट हो गया है। सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ की अगुवाई में तीन चिकित्सिकों का दल और पांच एंबुलेंस टीम को सिकंद्राराऊ भेज दिया हे।सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने डिप्टी सीएमओ डॉ. खान चंद्र की अगुवाई डॉ. उपेंद्र और डॉ. विवेक उपाध्याय की टीम सिकंदराराऊ सीएचसी पर भेज दी है। देर रात डीजीपी प्रशांत कुमार ने 98 महिलाओं समेत 116 लोगों के मरने की पुष्टि की है।
सीएचसी सिकंदराराऊ पर तमाम लोग अपनों को ढूंढने के लिए सीएचसी पर रोते बिलखते नजर आये। अपनों की जमीन पर लावरशि की तरह से पड़ी लाशों को देखकर गश खाकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें कोई संभालने वाला भी नहीं था। वहीं, अलीगढ़ में घायलों के उपचार व पोस्टमार्टम के लिए अलीगढ़ में नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। एडीएम सिटी द्वारा आठ मजिस्ट्रेट व चार डॉक्टर इस कार्य के लिए नामित किए हैं। एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया कि सत्संग के दौराम मची भगदड़ मृतक व घायलों को जिला मलखान सिंह अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय व जेएन मेडीकल कॉलेज भेजा जा रहा है। वहीं मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
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