हाथरस में क्या हुई लापरवाही
प्राथमिक तौर पर हादसे में प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। भोले बाबा के सत्संग में क्षमता से ज्यादा भक्त इकट्ठा हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी में भगदड़ मची जो देखते ही देखते चीख पुकार में बदल गई। इसके बाद हालात ऐसे बिगड़े कि लोग एक दूसरे के नीचे दबना शुरू हो गए और इस भगदड़ में दर्जनों लोगों की जान चली गई। इसके बाद भी काफी देर तक घटनास्थल पर कोई राहत बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ। मृतकों के परिजनों ने कहा, ‘रात से जाम लगा हुआ था। जैसे ही पुलिस ने जाम खुलवाया, भगदड़ मच गई।’ जिलाधिकारी समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। हाथरस के गांव फुलराई की घटना है। कार्यक्रम के आयोजक ने अनुमति तो ली थी लेकिन जितनी संख्या आयोजकों ने प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग पहुंचे थे।