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हरदा

युवाओं की टोली ने लोकनृत्य से दिखाई आदिवासी संस्कृति की झलक

कृषि मंडी में जिला स्तरीय कार्यक्रम के पहले शहर में रैली भी निकाली गई

हरदाAug 09, 2019 / 11:10 pm

sanjeev dubey

World tribal day

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हरदा. जिलेभर में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर कृषि उपज मंडी में जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। जिसमें युवा व अन्य लोगों ने लोकगीत व नृत्य से आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाई। समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ के उद्बोधन का छिंदवाड़ा से सीधा प्रसारण भी स्क्रीन पर दिखाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के दौरान उपस्थित सभी लोक आदिवासी संस्कृति के रंग में रंगे नजर आए। बड़ादेव डंडा ग्रुप झिरी की प्रस्तुति के दौरान टिमरनी विधायक संजय शाह व हरदा के पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने भी खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने ग्रुप में शामिल होकर नृत्य किया तो अन्य कई लोग भी इसमें शामिल हो गए। समारोह में टिमरनी विधायक शाह ने कहा कि यह दिन हम सभी के लिए गौरवमयी है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को बताते हुए बच्चों को स्कूल से जोडऩे का आह्वान किया। पूर्व विधायक डॉ. दोगने ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को जीवित रखना हम सभी का धर्म है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी वर्ग के हितों का ध्यान में रखते हुए कई योजनाओं की घोषणा की है। इनका लाभ उठाएं। इस दौरान कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने कहा कि जिला प्रशासन विकास की योजनाओं का लाभ आदिवासियों को प्रदान करने के लिए कृतसंकल्पित है। समारोह में ऐवरेस्ट पर चढऩे वाली मप्र की प्रथम महिला भावना डेहरिया ने अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान अतिथियों ने खेल, शिक्षा, कला आदि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। समारोह में एसपी भगवत सिंह विरदे, जिला पंचायत सीईओ लोकेश कुमार जांगिड़, डीएफओ लालजी मिश्रा सहित विभागीय अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
रैली का जगह-जगह स्वागत हुआ
समारोह के बाद आदिवासी समाज की ओर से रैली निकाली गई। रैली कलेक्ट्रेट, बायपास चौराहा, परशुराम चौक, चांडक चौक, नारायण टॉकीज चौक होते हुए अंबेडकर चौक पहुंचकर समाप्त हुई। जगह-जगह रैली का स्वागत किया गया। कांग्रेस की ओर से पूर्व नपाध्यक्ष हेमंत टाले, नरेंद्र पालीवाल, देवकीनंदन लल्ला, अनिल बंसल, अशोक मोयल सहित अन्य ने रैली का स्वागत किया।
संविधान ने अधिकार दिए पर नहीं मिली शक्तियां
खिरकिया. संविधान ने आदिवासियों को विशेष अधिकार दिए हैं पर फिर भी वे गरीब हैं। शक्तिहीन हैं, इसलिए आज भी शोषण हो रहा है। विश्व आदिवासी दिवस पर स्थानीय कृषि उपज मंडी प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी नेताओं ने यह चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में आदिवासियों की संस्कृति अक्षुण्ण बनाए रखने के उपाय करने की बात भी कही गई। आदिवासियों में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम मेें अतिथियों द्वारा उदबोधन में जल-जंगल-जमीन ,स्वास्थ्य व शिक्षा के बारे में बात कही गई। मुख्य अतिथि अशोक बाबा, विशेष अतिथि रामाधार दरबार, आमंत्रित अतिथि मांगीलाल सोमगांव ,अमरसिंह देवड़ा ,बादामिलाल मौर्य,चम्पालाल कासदे छुरिखाल ,विलसन उइके आदि थे। वक्ताओं ने कहा कि संवैधानिक अधिकार भारतीय संविधान ने हमें दिया है, इसे अपने समाज-राज्य और देश-हित में उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं। आदिवासियों में शिक्षा का बहुत अभाव है और शैक्षणिक संस्थाओं की कमी है। आदिवासी समुदायों के साथ शोषण भी बहुत होता है, क्योंकि वे गरीब और मजदूर वर्ग के लोग हैं. आदिवासी समुदाय के पास शक्तियों का अभाव है, इसलिए ताकतवर लोग उनका शोषण करते हैं। टीआर चौहान द्वारा आदिवासियों को शिक्षा के साथ ही नोकरी के पीछे न भागते हुए स्वरोजगार के अवसर तलाशने पर बल दिया गया। कार्यक्रम को श्रीकिशन उइके,श्रीराम उइके,सुमेर उइके,विलसन उइके आरभी भलावी,नेमीचंद कासदे, बीएस मोहानिया, निर्मल निकुम आदि ने सम्बोधित किया। इसके बाद शहर के मुख्य मार्ग से एक रैली निकाली गई, जो मंडी प्रांगण से भीमराव अंबेडकर भवन तक गई।

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