4 साल में ऑपरेशन से कमाए 2 करोड़:
बजाज को आरटीआई में दिए कागजों के अनुसार व्यंकटेश हॉस्पिटल 2017-18 से 31 जुलाई 21 तक 500 सीजर किए गए। औसतन एक प्रति सीजर 40 हजार रूपए न्यूनतम लिए जाते हैं। इस मान से 2 करोड़ रूपए वसूले गए। बड़ा सवाल यह है कि जब सीजन की पात्रता ही नहीं थी तो यह किसने तय किया कि सीजर से ही प्रसव होगा,जबकि यह किसी महिला राेग विशेषज्ञ यानि गायनोलॉजिस्ट ने पर्चे पर लिखा ही नहीं। बजाज ने डॉ.हेडा दंपति के खिलाफ वैधानिक जांच कर एफआईआर दर्ज कराने,नर्सिंग होम का लाइसेंस व दोनों का पंजीयन निरस्त करने की मांग की।
यहां की शिकायत: आरटीआई में कागज निकाले। स्वास्थ्य और महिलाओं के जीवन से जुड़े गंभीर मामले में महिला आयोग को शिकायत की। जहां से पुलिस को पत्र आया। बजाज को बयान के लिए थाने बुलाया। बाद में पुलिस बोली,चिकित्सकीय मामले की वे जांच नहीं कर सकते। खानापूर्ति कर दी गई। डॉक्टर दंपति के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने मप्र मेडिकल कौंसिल को लिखा,जिन्होंने कार्रवाई करने सीएमएचओ को पत्र भेजा। 18 माह बीत गए।एक सीएमएचओ रिटायर हो गए,दूसरे टालामटोली कर रहे हैं।
ये दिया था जबाव:
डॉ.हेडा ने आपत्ति के प्रश्न पर यह जवाब लिखित दिया कि
आपने निरीक्षण के दौरान हमारे द्वारा एलएससीएस ऑपरेशन किए जाने पर जो आपत्ति उठायी है उसके अंतर्गत निवेदन है हमने जो भी एलएससीएस ऑपरेशन किए हैं उनको किसी न किसी गाइनेकोलॉजिस्ट द्वारा एलएससीएस करने की सलाह दी गई थी और उनका ऑपरेशन उस समय गाइनेकोलॉजिस्ट की अनुपलब्धता के कारण से हमारे पास आए थे इसलिए हमने इमरजेंसी में उनका ऑपरेशन किया था, आगे से आपके निर्देशानुसार हम एलएससीएस ऑपरेशन नहीं करेंगे।
सबसे बड़ा सवाल ये है:
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसमें झूठ कौन बोल रहा है। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. सुधीर जेसानी ने निरीक्षण में यहां सीजर करना पाया। इसकी वैधता को लेकर सवाल उठाए। नोटिस जारी किया। इसके जवाब में डॉॅ. हेडा ने सफाई दी।यह भी कहा कि इमरजेंसी में आए मामलों में ऐसा किया। अब नहीं करेंगे। फिर कुछ समय ऑपरेशन शरू करने की अनुमति मांगी। यदि सब ठीक था तो सीएमएचओ ने सवाल क्यों उठाए। डॉ. हेडा ने ऑपरेशन नहीं करने की बात क्यों कही।फिर कुछ समय पर अपनी योग्यता व अनुभव प्रमाण पत्र आदि का हवाला देकर अनुमति देने का पत्र क्यों लिखा। इससे पहले जिस महिला गायनोलाजिस्टर डॉ.यामिनी मानकर के नाम का सहमति पत्र लगाया,उन्होंने यह क्यों कहा कि वे एक दो मामलों में ही वहां गई शेष में नहीं तो शेष के लिए किस स्त्री रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया। एक सवाल यहभी है कि जब सीएमएचओ ने निरीक्षण किया और शिकायतकर्ता ने नार्मल व सीजर प्रसव के आंकडे मांगे तो केवल 4 साल के आंकडे दिए गए,इसमें भी केवल सीजर के दिए गए जो 500 हैं,इसमें एक भी केस नार्मल प्रसव का नहीं है। क्या सभी 500 मामलों में इमरजेंसी थी। इन्हें यहां पर किसने रेफर किया गया था।
वर्तमान सीएमएचओ डॉ. एपची सिंह डॉ. हेडा की डिग्री को सही बताते हैं। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. सुधीर जेसानी ने इसी पर सवाल उठाए,नोटिस भेजा। 18 माह में नियम भी नहीं बदले,तो फिर इसमें किसे सही और किसे गलत माना जाए। यदि डॉ. जेसानी ने मनमाने ढंग से नोटिस भेज दिया या दुर्भावना से भी यह निर्देश दिए तो डॉ. हेडा ने जवाब में इसे इमरजेंसी में किए ऑपरेशन बताते हुए आगे से आपरेशन नहीं करने की बात क्यों स्वीकारी। यदि वे सही थे तो यह क्यों नहीं लिखकर दिया वे वे इसके लिए क्वालिफाइड हैं। अब यदि वर्तमान सीएमएचओ डॉ.एचपी सिंह डॉ. हेडा दंपति को सीजर के लिए सही मानते हैं तो फिर उन्हीं नियमों के तहत डॉ.जेसानी कैसे गलत बता सकते हैं। ये ऐसे सवाल हैं,जिनके अभी जवाब नहीं मिल रहे हैं।
मैं एमबीबीएस एमएस जनरल सर्जन हूं। मैं किसी महिला चिकित्स की मौजूदगी में ऑपरेशन कर सकता हूं। जो मामले इमरजेंसी में किसी गायनोलॉजिस्ट द्वारा अनुशंसित किए गए,उन्हीं में सीजर किया,जिससे समय पर उनकी जच्चा बच्चा की जान बचाई जा सके। अनुचित मांग पूरी नहीं कर पाने के कारण संबंधित द्वारा हमारी छवि खराब की जा रही है।गर्भपात नहीं के बराबर हो रहे हैं। क्वालिफाइड एमबीबीएस डॉक्टर ही कर रहे हैं। सीजर की संख्या याद नहीं है। सालभर में करीब 60 से 100 के बीच होते हैं। हर साल आंकड़ा अलग अलग रहता है। निरीक्षण के बाद दिए निर्देशों का पालन सौ फीसदी कर रहे हैं।
-डॉ.बृजेश हेडा,संचालक व्यंकटेश हॉस्पिटल हरदा
मैं एमबीबीएस चिकित्सक हूं। जबसे अस्पताल खुला है तभी से पूरे नियमों का पालन कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोरोना काल में भी पूरे समय लोगों का इलाज किया। ऐसे में हमारी छवि खराब करना अनुचित है। आरोप बेबुनियाद हैं।
-डॉ.संध्या हेडा,एमबीबीएस
डॉ.एचपी सिंह,सीएमएचओ,हरदा
डॉ.बृजेश हेडा को सीजर करने की पात्रता है
ज.वे एमएस जनरल सर्जन हैं,इमरजेंसी में कर सकते हैं।
स.यदि कर सकते हैं तो तत्कालीन सीएमएचओ ने नोटिस क्यों दिया
ज.ये वे ही ही जानें
स.क्या डॉ.हेडा बिना किसी गोयनोजाजिस्ट के सीजर कर सकते हैं
ज.हां,इमरजेंसी में,लेकिन जब कोई कोई महिला चिकित्सक मौजूद हो
स.2007 से नर्सिंग होम है। सिर्फ 4 साल में किए 500 सीजर इमरजेंसी माने जाएंगे
ज.जनरल सर्जन का ऑपरेशन करना कोई गुनाह नहीं है।
स.यदि वे योग्यता रखते हैं तो फिर सीजर की अनुमति का आवेदन बाद में क्यों दिया
ज.इस संंबंध में कोई जानकारी नहीं है