ठेकेदार से रुपये मांगने का आरोप आरोप है कि नगर पालिका में किए गए कार्यों के भुगतान के बदले में मंदीप से रिश्वत मांगी गई थी। इसकी शिकायत मंदीप ने मेरठ एंटी करप्शन विभाग में की थी। गिरफ्तार विनोद नगर पालिका पिलखुवा में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। उस पर ठेकेदार मंदीप से बिलों के भुगतान कराने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाया और कर्मचारी विनोद को रंगे हाथों एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है मंदीप नगरपालिका पिलखुवा में काफी समय से ठेकेदारी कर रहा है। उसको पिलखुवा नगर पालिका से 13 विकास कार्यों को कराने का ठेका मिला था, लेकिन अधिकारी बिलों का भुगतान नहीं कर रहे थे। मंदीप ने जब इसकी वजह जाननी चाही तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी विनोद ने एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
पुलिस ने तीनों के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज इस पर मंदीप ने विनोद को एक लाख रुपए देने की हामी तो भर दी, लेकिन इसकी शिकायत एंटी करप्शन मेरठ की टीम से कर दी। शिकायत मिलने के बाद टीम ने सोमवार को नगर पालिका के पास मंदीप से विनोद को रुपये देने को कहा। जैसे ही विनोद ने एक लाख रुपये की रिश्वत ली, वैसे ही एंटी करप्शन की टीम ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
यह कहा इंस्पेक्टर ने वहीं, इस रिश्वतखोरी के मामले में पिलखुवा नगरपालिका में तैनात जेई गिरीश कुमार और क्लर्क अशोक गिरी का नाम भी सामने आ रहा है। एंटी करप्शन टीम उनके खिलाफ भी करवाई करने की बात कह रही है। इस मामले में पिलखुवा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर महावीर चौहान का कहना है कि तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। विनोद को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है।