a 2019: 12 जून को है गंगा दशहरा, ऐसे करें पूजा
यह है अद्भुत संयोग गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में जनपद के गढ़मुक्तेश्वर में मेला लगता है। इसमें लाखों लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। ब्रजघाट में आयोजित होने वाले इस मेले का सोमवार शाम को शुभारंभ हो गया। इसमें श्रद्धालु आने शुरू हाे गए हैं। पंडित देवदत्त कौशिक ने कहा कि इस दिन गंगा स्नान व दान करने से पापों से छुटकारा मिलता है। गंगा दशहरे पर गंगा स्नान का काफी महत्व है। उनके अनुसार, जिन 10 योगों में मां गंगा धरती पर उतरी थीं। इस बार 12 जून को वैसे ही योग बन रहे हैं। पिछले 75 साल में ऐसा संयोग नहीं बना है। ऐसे में गंगा स्नान 10 पापों से मुक्ति दिलाएगा।
ऐसे करें पूजा पंडित देवदत्त कौशिक ने कहा कि वैसे तो गंगा दशहरे वाले दिन गंगा स्नान का काफी महत्व होता है लेकिन आप आसपास के किसी नदी में भी स्नान कर सकते हैं। ऐसा न होने पर भी आप घर में शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके सुवर्णादि के पात्र में मां गंगा की मूर्ति स्थापित करें। उनका गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। फिर उनको श्वेत वस्त्र पहनाएं। इसके बाद ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप कर हवन करें। इसके बाद ‘ऊँ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’ मंत्र का जाप करते हुए पुष्प अर्पित करें। इसके बाद वह मां गंगा को भूतल पर लाने वाले भगीरथ और जहां से गंगा आई हैं, उस हिमालय का ध्यान करें। पूजन के बाद 10 फल, 10 दीपक और 10 सेर तिल का ‘गंगायै नमः’ कहकर दान करना चाहिए।
गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त गंगा दशहरा पर्व पर 12 जून 2019 को सुबह 5.45 से शाम 6.27 तक दशमय तिथि रहेगी। इसमें पूजा और दान शुभ रहेगा। सुबह 4.20 बजे से 5.45 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। इसमें स्नान करने से शुभ फल मिलेगा। उनका कहना है कि ब्रह्म मुहूर्त में प्रात: काल 4.20 बजे से गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो सूर्यास्त होने तक चलेगा।
यह है मान्यता पंडित देवदत्त कौशिक का कहना है कि भागीरथी की कठिन तपस्या के बाद ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के हस्त नक्षत्र में मां गंगा धरती पर उतरी थीं। इस दिन को गंगा दशहरा के नाम से पूजा जाता है। इसके जल के स्पर्श से भागीरथ के पूर्वज श्राप से मुक्त हुए थे। कहा जाता है कि गढ़ गंगा में डुबकी लगाने वाले हरिद्वार से अधिक पुण्य के भागीदार बनते हैं। यहीं पर भगवान शिव के गणों को मुक्ति मिली थी। महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों का व्याकुल मन भी यहीं पर शांत हुआ था।
मेले की तैयारियां गंगा दशहरे के मेले की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। एएसपी राम मोहन सिंह का कहना है कि ज्येष्ठ दशहरा मेले की निगरानी ड्रोन से की जाएगी। इसके लिए मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा से तीन ड्रोन मंगाए गए हैं। कोई भी श्रद्धालु आई प्रूफ के बिना धर्मशाला, होटल या लॉज में नहीं रुक पाएगा। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 13 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर