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जानिए मार्क जुकरबर्ग के 7 अनोखे कारनामे और उनके सफलता के रहस्य: डॉ. विवेक बिंद्रा

आज जिंदगी फेसबुक के जैसी है। समस्या को लोग लाइक करेंगे, हर बात कॉमेंट करेंगे और उसे दुनिया भर में शेयर करेंगे। फेसबुक को बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग के बारे के 7 अनोखे रहस्य जानकार हैरान हो जाएंगे। ये रहस्य डॉ. विवेक बिंद्रा ने बताए।

हापुड़Oct 26, 2023 / 03:47 pm

Kamta Tripathi

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मार्क जुकरबर्ग के साथ डा. विवेक बिद्रा।

मार्क जुकरबर्ग ने क्या खास किया हैं ये जानने से पहले मार्क जुकरबर्ग के बारे में जान लें। मार्क गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने वाले लोगों में शामिल है। सिर्फ 23 साल उम्र में ये दुनिया के यंगेस्ट बिलिनियर बने। 1984 में न्यूयॉर्क में जन्मे मार्क के पिता डेंटिस्ट थे और मां साइकैट्रिस्ट थीं। मार्क जुकरबर्ग एक या दो नहीं बल्कि फ्रेंच, लैटिन, ग्रीक, मैंड्रीन, हिब्रू और इंग्लिश जैसी भाषाएं जानते हैं।
मार्क जुकरबर्ग से जुड़ी सात अनोखी बातें

सात साल की उम्र में ही बने कोडिंग के मास्टर
सात साल की उम्र में मार्क जुकरबर्ग कोडिंग के मास्टर बन चुके थे। जब ये सात साल हुए तो इनके माता पिता ने इन्हें कोडिंग सिखाने के लिए एक ट्यूटर रखा। लेकिन मार्क तो उल्टा उस ट्यूटर को कोडिंग सिखाने लगे। 10 साल उम्र में इन्होंने एडवांस कोडिंग प्रोग्राम को पहले दिन टॉप करके मैसेजिंग टूल तैयार कर दिया।

https://youtu.be/MOX0cNO5loU
दोस्त की मदद के लिए बनाया मीडिया प्लेयर
साल 2000 में मार्क जुकरबर्ग स्कूल में पढ़ते थे। तब दोस्त गाने सुनने के लिए म्यूजिक प्लेयर के साथ स्ट्रगल कर रहा था। इस प्रॉब्लम को सुलझाने के लिए मार्क ने उस वक्त पर “Synapse media player” को बना दिया। ये प्लेयर ना सिर्फ लगातार म्यूजिक प्ले करता बल्कि पसंद के हिसाब से गानों का सुझाव देता था। इस प्लेयर के बारे में बिल गेट्स ने कहा था इससे अधिक एडवांस मीडिया प्लेयर मैंने आज तक नही देखा।
48 घंटे में बना दिया था कोर्स मैच सॉफ्टवेयर
साल 2002 में मार्क जुकरबर्ग कॉलेज की पढ़ाई करने हावर्ड यूनिवर्सिटी पहुंचे। वहां उन्होंने देखा स्टूडेंट्स ये सोचकर काफी परेशान थे कि उन्हें किस कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए। उनके लिए कौन सा कोर्स करना सही होगा। ये देखकर मार्क जुकरबर्ग ने 48 घंटों में एक कोर्स मैच सॉफ्टवेयर बनाकर तैयार कर दिया। इसके जरिए स्टूडेंट्स एक जगह बैठकर अपने हिसाब से कोर्स को चुन सकता है।

https://youtu.be/SbP2Cb3MHfQ
टाइम को सबसे कीमती मानते हैं मार्क जुकरबर्ग
मार्क जुकरबर्ग टाइम को सबसे ज्यादा कीमती मानते हैं, बचपन से उन्होंने हमेशा जल्दी जल्दी चीजें सीखकर टाइम को बचाया। कॉलेज में आने के बाद एक वो टाइम भी आया जब इनके दोस्तों ने इन्हें एक लड़की के साथ डेट पर भेजा, लेकिन जब ये डेट पर थे तब उन्हें समझ आया कि वो टाइम ऐसी जगह लगा रहे हैं जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं होगा।
टाइम को बचाकर जल्दी से जल्दी काम को आगे बढ़ाने के लिए एक एडवांस बिजनेस एआई टूल “बीबी कोच” को लॉन्च किया जो बिजनेस से जुड़े हर एक सवाल का जवाब देगा।
मज़ाक मज़ाक में बना दिया था “Facemash”
मार्क एक ऐसे इंसान हैं जो गुस्से में कुछ नया इनोवेशन कर लेते हैं। एक लड़की ने जब मार्क का मजाक बनाया तो गुस्से में बीयर पीते पीते एक नया इनोवेशन कर डाला। हावर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से मार्क ने लड़की की फोटो निकली और उसे एक फीमेल डॉग के साथ लगाकर पोल डाल दिया कि दोनों में कौन बेहतर है। सुबह जब नशे से जागे तो देखा पोस्ट वायरल हो गई लेकिन तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उस डॉग की जगह एक दूसरी लड़की की फोटो लगा दी।
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ये Facemash इतना वायरल हुआ कि अब वो रोज किसी न किसी की फोटो निकालकर उसे पोस्ट करने लगे। जिसके बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट क्रैश हो गई।

https://youtu.be/HnUIM6gpQWs
6.कालेज में शुरू हुआ था फेसबुक का सफ़र
मार्क जुकरबर्ग का Facemash कॉलेज में काफी फेमस हुआ। इन्होंने कुछ दोस्तो के साथ मिलकर फेसबुक बनाने पर काम शुरू किया, जहां इनका मकसद अब लोगों को ऑनलाइन एक दूसरे से जोड़ना था। जल्द ही इन्होंने फेसबुक बना लिया जिसके बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स इसको काफी पसंद करने लगे, धीरे धीरे ये फेसबुक को दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटीज तक लेकर गए जहां स्टूडेंट्स को ये काफी ज्यादा पसंद आया। धीरे धीरे जरूरत के हिसाब से मार्क फेसबुक को अपडेट करते चले गए और फेसबुक जो भी है हमारे सामने है।

फोकस रहना है मार्क की सफलता का राज
मार्क जुकरबर्ग का अपने काम पर फोकस रहना उनकी सफलता का राज है। वो हररोज अपने कपड़े चुनने, उनसे घड़ी और बेल्ट को मैच करने पर समय बर्बाद करना पसंद नही करते इसीलिए हमेशा एक जैसी टीशर्ट और जींस पहनते हैं। उनका फोकस इतना अधिक है कि बार में बैठकर बियर पीते हुए वो काम कर सकते हैं, अपने एंप्लॉयज का इंटरव्यू वो इसी माहौल में लिया करते थे ताकि उनका काम के प्रति फोकस देख सकें।

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आज फेसबुक के जरिए मार्क जुकरबर्ग दुनिया के हर व्यक्ति तक पहुंच चुके हैं। मार्क ने डिजिटल दुनिया का एक ऐसा रूप दुनिया को दिया जो आज बढ़ता ही जा रहा है। अब मार्क आगे मेटावर्स पर काम कर रहे है जो फिर से दुनिया को बदल कर रख देने वाला एक कदम होगा।

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