इंदिरागांधी नहर में बंदी अवधि में प्रदेश के दस जिलों में जलापूर्ति सुचारू रखने के लिए जल संसाधन विभाग नहर पुनरोद्धार कार्य के साथ ही ४५० करोड़ खर्च कर अलग से डायवर्सन भी बनाएगा। जिसकी क्षमता २५०० क्यूसेक होगी। इंदिरागांधी फीडर ५२० से ६७१ तथा इंदिरागांधी मेन कैनाल में जीरो आरडी से २०० आरडी तक नहरों के हालत सुधारने को लेकर सभी तरह की प्रक्रिया पूर्ण करने में अधिकारी जुटे हुए हैं। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़ के अलावा श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुंनू, सीकर आदि जिलों को जलापूर्ति होती है।
्रप्रोजेक्ट के अनुसार काम हुआ तो चार वर्ष बाद इस नहर में वर्तमान की तुलना में करीब छह हजार क्यूसेक अधिक पानी प्रवाहित हो सकेगा। इससे प्रदेश के सिंचित क्षेत्र के विस्तार व किसानों को पूरा मिलने की संभावना है। पहले पंजाब भाग में रीलाइनिंग का काम शुरू होगा। इसके बाद राजस्थान क्षेत्र में नहरों की मरम्मत का काम प्रारंभ किया जाएगा। वर्तमान में पटरियां क्षतिग्रस्त होने के कारण इंदिरागांधी मुख्य नहर में अधिकतम 11000 से 12000 क्यूसेक पानी ही चल पाता है। लेकिन मरम्मत के बाद इसमें १७००० से 18000 क्यूसेक पानी चलाना संभव होगा।
– प्रोजेक्ट के अनुसार वर्ष २०१९, २०२० व २०२१ तक सभी कार्य पूर्ण करने हैं।
-राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
-11 अक्टूबर 1961 में राजस्थान में पहली बार इंदिरागांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।
-नहर बनने के बाद राजस्थान में सिंचित क्षेत्र का रकबा हजारों हेक्टेयर बढ़ा है।
-नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
-द्वितीय चरण में नहर मरम्मत कार्य करने के लिए 70 दिन की नहरबंदी प्रस्तावित की गई है।