वहीं, संगरिया से चुनाव लडऩे वाले अधिकांश विजयी उम्मीदवार बाहर से आये और चुनाव जीत गए। इनमें २०१३ में कांग्रेस से डॉ. परम नवदीप जयपुर से, १९८० में कांग्रेस से महेंद्रसिंह बराड़ व उनके बड़े भाई स.गुरजंटसिंह बराड़ सन् १९९३ व २००३ में ५ चक (श्रीगंगानगर) से, माकपा से १९९० में कामरेड हेतराम बैनीवाल ५ एलएनपी (श्रीगंगानगर) तथा कांग्रेस से मंत्री रहे केसी बिश्रोई भी (श्रीगंगानगर) से आए। हालांकि अब अधिकांश के वोट अपनी-अपनी विधानसभाओं में हैं। महज कृष्ण कुमार कड़वा ही संगरिया क्षेत्र के सियासी गांव लीलांवाली के वोटर थे लेकिन वे भी वर्षों से जयपुर निवास करते हैं। उनका व्यवसाय भी जयपुर है। वे भी जयपुर से आए और चुनाव जीत गए। देखें इस बार जनता क्या निर्णय करती है?