scriptपहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं | Provision of direct recruitment of DEO closed, now recruitment through | Patrika News
हनुमानगढ़

पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं

हनुमानगढ़. राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) पद पर पहले कभी सीधी भर्ती की नहीं। अब कभी होगी नहीं। क्योंकि प्रदेश में बने शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन कर दिया गया है।

हनुमानगढ़Jul 18, 2021 / 09:43 pm

adrish khan

पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं

पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं

पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं
– डीइओ की सीधी भर्ती का प्रावधान बंद, अब पूर्णत: पदोन्नति से भर्ती
– जल्दी भर सकेंगे डीइओ के पद, लम्बी प्रक्रिया से राहत
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) पद पर पहले कभी सीधी भर्ती की नहीं। अब कभी होगी नहीं। क्योंकि प्रदेश में बने शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन कर दिया गया है। अब डीइओ के सभी पद केवल पदोन्नति के आधार पर ही भरे जाएंगे। इससे राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि पहले भले ही डीइओ के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरने का नियम था। मगर सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। इसलिए शिक्षा विभाग हर बार राज्य सरकार के आदेश पर नियमों में छूट लेकर डीइओ के पद पदोन्नति से भरता रहा।
नियम-कायदों में छूट की प्रक्रिया में समय लगता था। इसलिए पदोन्नति से भर्ती की प्रक्रिया बहुत लम्बी खिंच जाती। दूसरी ओर शिक्षा विभाग में डीइओ के पद खाली पड़े रहते। अब माना जा रहा है कि यह नौबत नहीं आएगी। सभी पद पदोन्नति के आधार पर शीघ्रता से भरे जा सकेंगे। वैसे भी शिक्षा विभाग के ढांचे में करीब तीन साल पहले आमूलचूल बदलाव किया गया था। उससे जिले से लेकर प्रदेश तक में डीइओ के नए पद सृजित हो गए थे। अब उनको भरना भी जरूरी है। शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने के कारण आने वाले कुछ समय में शायद डीइओ का कोई पद खाली नहीं रहे। गौरतलब है कि अब जिला मुख्यालय के अलावा ब्लॉक मुख्यालय पर भी डीइओ का पद है।
जिले में यह स्थिति
जानकारों के अनुसार जिले में अभी डीइओ के पांच पद खाली हैं। हाल ही प्रदेश में डीपीसी हुई तथा 323 डीइओ बनाए गए। हालांकि अब तक उनका पदस्थापन नहीं किया गया है।
युवा जोश की अनदेखी
डीइओ के पचास प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती नहीं कर पाना, पूर्णत: सरकार की विफलता रही। इस व्यवस्था का उद्देश्य तो यही था कि अनुभव के साथ युवा जोश भी डीइओ पदों पर तैनात हो। मगर ऐसा हो नहीं पाया। अब तो पूर्णत: ही युवा जोश की अनदेखी कर दी गई है। कई इसे वरिष्ठों के दबाव में किया गया बदलाव भी बता रहे हैं।
राहत की उम्मीद
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों ही राज्य सरकार ने शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन किया। इसमें प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में व्याख्याता एवं सेकंडरी प्रधानाध्यापक के अनुपात में किया गया परिवर्तन मुख्य था। राज्य सरकार ने बदलाव करते हुए
अनुपात को 80:20 करने की मंजूरी दी। इससे अब व्याख्याताओं को पदोन्नति के अधिक अवसर मिल सकेंगे। साथ ही डीइओ के पद पूर्णत: पदोन्नति से भरना तय किया गया है। पहले 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से तथा 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरने का नियम था। इसके अलावा भी कई बदलाव किए गए हैं जिससे काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
दूर हो सकेगी कमी
शिक्षा सेवा नियम 1970 व 1971 में परिवर्तन किया गया है। डीइओ के पद अब पूर्णत: पदोन्नति से भरे जाएंगे। हमारी मांग के अनुसार प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए व्याख्याता एवं सेकंडरी प्रधानाध्यापक के अनुपात में भी बदलाव किया गया है। निश्चित तौर पर इसका लाभ मिलेगा। शिक्षा अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी। – हरलाल ढाका, जिलाध्यक्ष, रेसला।

Hindi News / Hanumangarh / पहले भर्ती की नहीं, अब कभी होगी नहीं

ट्रेंडिंग वीडियो