भाखड़ा क्षेत्र के किसानों ने बुधवार सुबह ग्यारह बजे मुख्य अभियंता कार्यालय में बैठक कर पानी की मांग शुरू कर दी। इसके बाद सभी मुख्य अभियंता से मिले। वार्ता में मुख्य अभियंता ने स्थिति साफ कर दी। लेकिन किसान बिना तय शेयर के अनुसार पानी चलाने का आश्वासन मिलने तक आंदोलन जारी रखने की जिद करते रहे। सभी नहर अध्यक्षों ने मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर धरना लगा दिया। इस दौरान पुलिसकर्मी जब मुख्य अभियंता से पानी मामले को लेकर अपडेट जानने को पहुंचे तो वहां मौजूद जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी व पुलिसकर्मी आमने-सामने हो गए। मौजूद अन्य अधिकारियों की समझाइश पर मामला शांत हुआ। इसके बाद जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा व तहसीलदार दानाराम भी धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों व नहर अध्यक्षों के साथ समझाइश का प्रयास किया।
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रहने पर तहसीलदार दानाराम व जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा किसानों से वार्ता करने को पहुंचे। इस दौरान किसान नेता ओम जंागू ने कहा कि फसल जलने पर किसानों का दिल जलता है। लेकिन अधिकारी किसानों की पीड़ा को महसूस नहीं कर सकते। क्योंकि उनकी तनख्वाह कार्यालय में बैठे जमा हो जाती है। किसान नेताओं ने कहा कि नहरों में तय रेग्यूलेशन के अनुसार पानी चलाने को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। तभी किसानों को तय शेयर के अनुसार पानी मिलना संभव हो सकेगा।
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने बताया कि भाखड़ा सिस्टम में अचानक पानी बंद हो गया। इसका कारण पंजाब में राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर के कॉमन बैंक में दरार आना है। उन्होंने बताया कि पंजाब क्षेत्र में राजस्थान कैनाल के साथ लगती सरहिंद कैनाल की साइडों व बेड को आरसीसी बनाने का कार्य चल रहा है। 24 जनवरी को अचानक राजस्थान कैनाल में पंजाब भाग में रिसाव आ गया था। इसके बाद काफी मशक्कत से रिसाव बंद करवाया। इस कारण तब राजस्थान फीडर का पानी बंद भी कर दिया गया था। अब दोबारा एक फरवरी की रात करीब सवा डेढ़ बजे दोबारा कॉमन बैंक में दरार आ गई। इस कारण पानी चल पाने या ला पाने में व्यवधान आ रहा है। इसके कारण भाखड़ा सिस्टम में शेयर के हिसाब से पानी नहीं मिल रहा। प्रशासनिक अधिकारियों व किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता में मुख्य अभियंता ने आगामी तीन दिनों में हरिके बैराज से पानी बढऩे की उम्मीद जताई है।