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हनुमानगढ़

गोल बारी का विरोध, भाखड़ा सिस्टम में शेयर के अनुसार पानी देने की मांग, मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

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हनुमानगढ़. भाखड़ा सिस्टम में जल संसाधन विभाग की ओर से गोल बारी लागू करने के निर्णय से किसानों में रोष है। आक्रोशित नहर अध्यक्षों ने भाखड़ा नहर में निर्धारित रेग्यूलेशन के अनुसार 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव किया।
 

हनुमानगढ़Feb 04, 2021 / 05:34 am

Purushottam Jha

गोल बारी का विरोध, भाखड़ा सिस्टम में शेयर के अनुसार पानी देने की मांग, मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

गोल बारी का विरोध, भाखड़ा सिस्टम में शेयर के अनुसार पानी देने की मांग, मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

गोल बारी का विरोध, भाखड़ा सिस्टम में शेयर के अनुसार पानी देने की मांग, मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

हनुमानगढ़. भाखड़ा सिस्टम में जल संसाधन विभाग की ओर से गोल बारी लागू करने के निर्णय से किसानों में रोष है। आक्रोशित नहर अध्यक्षों ने भाखड़ा नहर में निर्धारित रेग्यूलेशन के अनुसार 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान पूरे दिन किसानों की ओर से अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की गई। बुधवार देर शाम को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मध्यस्थता करने पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की ओर से सकारात्मक आश्वासन मिलने पर किसानों का आक्रोश समाप्त हुआ।
किसान नेता ओम जांगू ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में पौंड लेवल मेनटेन करने, एक मार्च को रेग्यूलेशन समाप्त करने की बजाय सरहिंद फीडर में बीस फरवरी को बंदी खत्म होने पर अब २४ मार्च तक भाखड़ा में सिंचाई पानी का रेग्यूलेशन लागू करने सहित अन्य मांगों पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि मांग के अनुसार पानी नहीं मिला तो किसान आंदोलन तेज करेंगे। इससे पूर्व भाखड़ा क्षेत्र के किसानों ने पूर्व घोषणानुसार बुधवार को जंक्शन स्थित जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव कर विरोध जताया। प्रदर्शन कर रहे किसान सिंचाई विभाग कार्यालय में धरने पर बैठ गए। किसान प्रतिनिधियों की मुख्य अभियंता के साथ कई दौर की वार्ता भी हुई।
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने किसानों को पंजाब में राजस्थान फीडर व सरहिंद फीडर के कॉमन बैंक में आई दरार के चलते जारी मरम्मत कार्य जल्द पूर्ण कर भाखड़ा सिस्टम की नहरों में मांग अनुसार पानी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया लेकिन किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक पानी नहीं तब तक घर नहीं जाएंगे। अन्यथा यहां भी दिल्ली जैसे हालात पैदा कर देंगे। धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि आज भाखड़ा सिस्टम में जीरो क्यूसेक पानी कर दिया गया है। पानी के अभाव में फसलें जल रही हैं। न तो सरकारों को और न ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों को किसानों की चिंता है। अगस्त में बांध लबालब भरे हुए थे। लेकिन तब पानी पाकिस्तान भेज दिया गया। आज डैम खाली हो गए हैं और किसान पानी के लिए संघर्ष कर रहा है। किसानों की मांग भाखड़ा सिस्टम में 1200 क्यूसेक पानी चलाने की है। लम्बे समय से करणी ब्रांच व सादुल ब्रांच को राजस्थान कैनाल लिंक से पानी मिलने वाली 496 आरडी पर क्रस्ट लेवल नीचा करने की मांग की जा रही है ताकि भाखड़ा में पूरा पानी मिले। अभी भी लेवल को नीचा करने की बात लिखकर भेजें तो भविष्य में यह समस्या नहीं आएगी। लेकिन यहां के मुख्य अभियंता यह कभी भी लिखकर नहीं भेजते। किसान नेताओं का आरोप है कि वर्तमान में कहीं भी लीकेज नहीं है। बावजूद इसके भाखड़ा सिस्टम में पानी जीरो क्यूसेक कर दिया गया है। पंजाब में सरहिंद फीडर में निर्माण कार्य चल रहा है। पंजाब राजस्थान को पानी नहीं देना चाहता। किसानों ने आरोप लगाया कि पंजाब गलत समय पर निर्माण कार्य करवा रहा है। जिससे राजस्थान के किसानों को दिक्कत आ रही है। प्रदर्शन के दौरान भाखड़ा संघर्ष समिति के अशोक चौधरी, विनोद धारणिया, कुलविंदर सिंह, बलराज सिंह, केसी गोदारा, विजय पूनियां आदि मौजूद रहे।
आमने-सामने हुए पुलिस व जल संसाधन विभाग के अधिकारी
भाखड़ा क्षेत्र के किसानों ने बुधवार सुबह ग्यारह बजे मुख्य अभियंता कार्यालय में बैठक कर पानी की मांग शुरू कर दी। इसके बाद सभी मुख्य अभियंता से मिले। वार्ता में मुख्य अभियंता ने स्थिति साफ कर दी। लेकिन किसान बिना तय शेयर के अनुसार पानी चलाने का आश्वासन मिलने तक आंदोलन जारी रखने की जिद करते रहे। सभी नहर अध्यक्षों ने मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर धरना लगा दिया। इस दौरान पुलिसकर्मी जब मुख्य अभियंता से पानी मामले को लेकर अपडेट जानने को पहुंचे तो वहां मौजूद जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी व पुलिसकर्मी आमने-सामने हो गए। मौजूद अन्य अधिकारियों की समझाइश पर मामला शांत हुआ। इसके बाद जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा व तहसीलदार दानाराम भी धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों व नहर अध्यक्षों के साथ समझाइश का प्रयास किया।
किसानों का जलता है दिल
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रहने पर तहसीलदार दानाराम व जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा किसानों से वार्ता करने को पहुंचे। इस दौरान किसान नेता ओम जंागू ने कहा कि फसल जलने पर किसानों का दिल जलता है। लेकिन अधिकारी किसानों की पीड़ा को महसूस नहीं कर सकते। क्योंकि उनकी तनख्वाह कार्यालय में बैठे जमा हो जाती है। किसान नेताओं ने कहा कि नहरों में तय रेग्यूलेशन के अनुसार पानी चलाने को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। तभी किसानों को तय शेयर के अनुसार पानी मिलना संभव हो सकेगा।
मुख्य अभियंता बोले, कॉमन बैंक में दरार के चलते कम किया पानी
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने बताया कि भाखड़ा सिस्टम में अचानक पानी बंद हो गया। इसका कारण पंजाब में राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर के कॉमन बैंक में दरार आना है। उन्होंने बताया कि पंजाब क्षेत्र में राजस्थान कैनाल के साथ लगती सरहिंद कैनाल की साइडों व बेड को आरसीसी बनाने का कार्य चल रहा है। 24 जनवरी को अचानक राजस्थान कैनाल में पंजाब भाग में रिसाव आ गया था। इसके बाद काफी मशक्कत से रिसाव बंद करवाया। इस कारण तब राजस्थान फीडर का पानी बंद भी कर दिया गया था। अब दोबारा एक फरवरी की रात करीब सवा डेढ़ बजे दोबारा कॉमन बैंक में दरार आ गई। इस कारण पानी चल पाने या ला पाने में व्यवधान आ रहा है। इसके कारण भाखड़ा सिस्टम में शेयर के हिसाब से पानी नहीं मिल रहा। प्रशासनिक अधिकारियों व किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता में मुख्य अभियंता ने आगामी तीन दिनों में हरिके बैराज से पानी बढऩे की उम्मीद जताई है।

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