बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जनवरी
इस तरह अब कई
पशुपालक बीमा योजना के दायरे में आ सकेंगे। पशुपालन विभाग की टीम गांवों में जाकर पशुपालकों को जागरूक कर रही है। पशुपालक खुद भी घर बैठे मोबाइल से बीमा करवा सकते हैं। हनुमानगढ़ जिले में चालू वर्ष में करीब 54000 पशुओं का बीमा करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे पहले 12 जनवरी तक बीमा करवाने की तिथि निर्धारित की गई थी। बाद में सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया है। इस तरह अब कई पशुपालक बीमा योजना के दायरे में आ सकेंगे।
दिसम्बर में शुरू हुआ था आवेदन
जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ वर्ष बाद पशुपालकों को राहत देने के लिए मंगला पशु बीमा योजना शुरू की गई। इसके तहत गत महीने सरकार ने पशुपालकों से आवेदन लेने शुरू किए। प्रदेश के गोपाल क्रेडिट कार्डधारक पशुपालक और
लखपति दीदी पशुपालकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी
बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग जरूरी है। चयनित पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) दस बकरी, दस भेड़, एक उष्ट्र वंश पशु का नि:शुल्क बीमा किया जा रहा है। बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना में बीमित नहीं होंगे। यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जा रहा है। पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ रहा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जा रहा है। किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं रखी गई है।
पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र तय
पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र तीन से बारह वर्ष और भैंस की चार से बारह वर्ष निर्धारित की गई है। पशुपालक जागरूक होकर इस महीने के आखिर तक पशुओं का बीमा करवा सकते हैं। मंगला पशु बीमा योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जा रहा है। जबकि पशुपालन विभाग नोडल विभाग है।
SMS के माध्यम से प्राप्त होगा बीमा पॉलिसी का लिंक
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में समस्त बीमा प्रक्रिया उपरांत पशुपालक को मोबाइल पर SMS के माध्यम से बीमा पॉलिसी का लिंक प्राप्त होगा। बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक द्वारा शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी। बीमा विभाग की ओर से 21 कार्य दिवस के भीतर मृत बीमित पशु की दावा राशि का भुगतान सबन्धित पशुपालक को किया जाएगा।