पिछले सात माह में अपने बच्चों को साथ लेकर नहर में गिरने के चार मामले सामने आए हैं। इनमें सहजीपुरा के संदीप जाट की पुत्री कल्पना, राजेन्द्र मेघवाल का पुत्र जतिन व सुमन की पुत्री गायत्री, प्रियंका उर्फ पिंकी व राहुल शामिल है। नहर में गिरने के बावजूद राकेश कालड़ा के पुत्र चित्रांश व राजेन्द्र की पुत्री आशा को बचा लिया गया।
नहर में गिरे व्यक्तियों को निकालने का कोई संसाधन नहर क्षेत्र में नही है। हालांकि कई बार नहर में गिरे व्यक्ति की तलाश में उसके परिजन गोताखोंरों को नहर में उतारते है लेकिन वे भी डूबे व्यक्ति के शव के पानी के ऊपर आने के बाद ही उसे निकाल पाने में सफल हो पाते है। कई मामलों में शव बरामद भी नहीं हो पाता। नहर में गिरने की किसी घटना के समय काम आने वाले साधन स्थानीय प्रशासन के पास नही है। प्रशासन मौके पर पहुंच तो जाता है लेकिन बिना संसाधन पीडि़त परिवार की मदद करने में असमर्थ होता है। हालांकि प्रशासन गोताखोरों को नहर में उतारती है लेकिन उनके पास भी ऑक्सीजन सिलेण्डर युक्त मास्क, तैरने के लिए रबड ट्यूब, बड़े रस्से, कुण्डी युक्त सांकल आदि नही होती। जिससे पर्याप्त व समय पर राहत नही मिल पाती।
१६ दिसम्बर १८ झाम्बर निवासी डाकिया ओमप्रकाश मेघवाल नहर में गिरा। ०२ जनवरी १९ सहजीपुरा निवासी संदीप जाट अपनी पुत्री कल्पना के साथ नहर में गिरा।
१९ जनवरी १९ हनुमानगढ निवासी राकेश कालड़ा अपने पुत्र चित्रांश को लेकर नहर में गिरा। ०८ मार्च १९ फतेहपुर निवासी बलकार सिंह रायसिख नहर में गिरा।
१० मार्च १९ संतनगर निवासी सादा सिंह नहर में गिरा।१८ मार्च १९ भोमपुरा निवासी सुरेश जाट नहर में गिरा।
०३ मई १९ नाईवाला का रज्जाक खां नहर में गिरा। २२ मई १९ लूणा वाली ढाणी का संदीप मेघवाल नहर में गिरा।
३० मई १९ नहर में अज्ञात शव मिला। ०८ जुलाई १९ को राजेन्द्र मेघवाल अपने दो बच्चों सहित नहर में गिरा।
०८ जुलाई १९ सुमन अपने तीन बच्चों के साथ नहर में गिरी।०९ जुलाई १९ नहर में अज्ञात बच्चे का शव मिला।