कोविड संकट ने अटकाई हजारों लाडो की प्रोत्साहन राशि
हनुमानगढ़. विद्या ज्ञान के जरिए पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की नौ हजार से अधिक प्रतिभाशाली बेटियों की इनामी राशि का भुगतान अटका पड़ा है।
कोविड संकट ने अटकाई हजारों लाडो की प्रोत्साहन राशि
कोविड संकट ने अटकाई हजारों लाडो की प्रोत्साहन राशि
– संभाग में हनुमानगढ़ जिले में सबसे कम छात्राएं पुरस्कार राशि मिलने से वंचित
– गार्गी द्वितीय किस्त 2019, प्रथम किस्त 2020 तथा बालिका शिक्षा पुरस्कार 2020 की राशि का मामला
हनुमानगढ़. विद्या ज्ञान के जरिए पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की नौ हजार से अधिक प्रतिभाशाली बेटियों की इनामी राशि का भुगतान अटका पड़ा है। पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुए छह माह बीतने वाले हैं। इसके बावजूद मेधावी बालिकाओं को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। मुख्यत: इसका कारण कोरोना संक्रमण संकट ही बताया जा रहा है। क्योंकि इसके चलते कॉलेज एवं विद्यालयों का नियमित एवं सही ढंग से संचालन नहीं हो सका। ऐसे में बालिकाओं के खातों की जानकारी अपडेट करने, उनके आवेदन सत्यापन, निरंतर अध्ययनरत प्रमाण पत्र आदि से संबंधित प्रक्रियाएं थम गई।
खास बात यह है कि हनुमानगढ़ जिले ने इन विपरीत हालात में भी बेहतर कार्य किया है। पुरस्कार राशि से वंचित प्रदेश की नौ हजार से अधिक छात्राओं में जिले की महज 87 बालिकाएं हैं। यह आंकड़ा भुगतान लम्बित होने के संबंध में प्रदेश में सबसे कम में शुमार है। संभाग की बात करें तो भी हनुमानगढ़ में शेष तीनों जिलों की तुलना में सबसे कम छात्राओं की पुरस्कार राशि अटकी पड़ी है। गौरतलब है कि गार्गी एवं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार क्रमश: कक्षा दस एवं बारहवीं में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को दिया जाता है। बालिका फाउंडेशन की ओर से पुरस्कार के तहत कक्षा दसवीं की छात्राओं को छह हजार रुपए तीन-तीन हजार की दो किस्तों में दिए जाते हैं। कक्षा बारहवीं की छात्राओं को पांच हजार रुपए एक मुश्त दिए जाते हैं।
कौनसे वर्ष की राशि
शिक्षा विभाग की ओर से नौ जुलाई को जारी आंकड़ों के अनुसार गार्गी पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए चयनित 42850 बालिकाओं में से 4067 की द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान लम्बित है। गार्गी पुरस्कार 2020 के लिए चयनित 54527 छात्राओं में से 1627 को प्रथम किस्त का भुगतान नहीं मिल सका है। वहीं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार 2020 पाने वाली 80693 बालिकाओं में से 3328 को इनामी राशि नहीं मिल सकी है। इस तरह प्रदेश भर में कुल 9022 छात्राओं का भुगतान अटका हुआ है।
यहां सबसे कम लम्बित
हनुमानगढ़ जिले में गार्गी पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए 1293 बालिकाएं पंजीकृत हुई। इनमें से 28 की द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान लम्बित है। गार्गी पुरस्कार 2020 के लिए 1978 छात्राएं पंजीकृत हुई। इनमें से 12 को प्रथम किस्त का भुगतान नहीं मिल सका है। बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार 2020 के लिए 3192 बालिकाएं पंजीकृत हुई। इनमें से 47 को इनामी राशि नहीं मिल सकी है। इस तरह जिले में कुल 87 छात्राओं का भुगतान अटका हुआ है। जबकि तीनों श्रेणी में श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं चूरू जिले में क्रमश: 653, 294 एवं 275 छात्राओं की पुरस्कार राशि का भुगतान लम्बित है।
तो अटका भुगतान
जानकारों के अनुसार फरवरी में गार्गी एवं बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार बांटे गए। इससे पहले तथा बाद में विद्यालय नियमित नहीं खुले। फिर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते सारी प्रक्रिया ही ठप हो गई। ऐसे में छात्राओं को नियमित अध्ययनरत प्रमाण पत्र संबंधित कॉलेज एवं स्कूल से नहीं मिल सके। आवेदन पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया निजी एवं राजकीय विद्यालयों की अलग-अलग तय की गई थी। राजकीय, मॉडल एवं संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के आवेदन पत्रों का सत्यापन उनके वर्तमान विद्यालयों के संस्था प्रधानों को करना था। जबकि निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के आवेदन पत्रों का सत्यापन संबंधित सीबीईओ कार्यालय की ओर से किया जाना था। ऑनलाइन आवेदन के लिए आधार कार्ड या जन आधार कार्ड नम्बर अनिवार्य किए गए थे। बालिका को बैंक पास बुक की प्रति भी अपलोड करनी थी। कोरोना संक्रमण के चलते यह तमाम प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर भुगतान अटक गया।
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