दुकानदार बचाव के लिए बोलते व बचाते नजर आए। दुपहिया वाहनों के साइलेंसर में पानी घुसने से वे बंद पड़ गए। लोगों को पैदल ही पानी के बीच होकर वाहन घसीटने पड़े। उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत तो मिली। बरसात से किसानों के चेहर खिले है। वहीं शहरवासियों व ग्रामीणों के लिए बरसाती पानी आफत बन गया। आलम ये रहा कि जैसे ही बरसाती पानी के बीच से बड़े वाहन गुजरते, हिचकौले खाता हुआ पानी लोगों की दुकानों व मकानों में घुस जाता।
आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग का सहारा लेना पड़ा। गांवों में भी गलियां व रास्ते लबालब हो जोने से मार्ग अवरूद्ध हो गए। ऐसा लग रहा था जैसे की बाढ़ आ गई हो। अधिकांश दुकानदार शाम को जल्दी दुकानें बंदकर घरों को चले गए। महिलाओं बच्चों ने बारिश में भीगकर खूब आनंद उठाया। वहीं कागज की नाव पानी में चलाई। चार बजे बारिश थमी लेकिन कुछ देर बाद रुक-रुककर रिमझिम बरसात होती रही।
तहसील कानूनगो जगदीप गोयल के अनुसार तहसील कार्यालय में लगे बरसात मापी यंत्र के अनुसार संगरिया में 152 एमएम तो उप तहसील ढाबां में 82 एमएम बरसात दर्ज हुई। फिलहाल नुकसान की सूचना नहीं मिली है। हालांकि पटवारियों को व्हाट्सेप पर गांवों में हुए नुकसान की सूचना देने की हिदायत दी गई है।
शौचालय अधर में, दीवारों में दरारें
कस्बे के वार्ड 25 होम साइंस कॉलेज के पीछे गली में बरसाती पानी निकासी नहीं होने से मकानों को नुकसान पहुंच रहा है। सुभाष धारणियां ने बताया कि सुनील कुमार वर्मा का घर बरसाती पानी से लबालब भर गया। घर में बना शौचालय एक ओर झूलने से अधर में लटक गया । कमरों की दीवारों में दरारें आ गई। मकान ध्वस्त होने की आशंका बनी है। पानी भरने से राजेश कुमार के मकान में की दीवारों में दरार आ गई।