गत पांच वर्ष से चल रही है योजना
दरअसल गांधीनगर के वासियों ने जगह में फेरबदल करने की मांग की थी। जगह के बदलाव को लेकर
रेलवे ने पचास लाख रुपए की डिमांड निकाली थी और सवा करोड़ की डिमांड पहले से बकाया चलने की चर्चा है। फुटओवरब्रिज का निर्माण करने की योजना गत पांच वर्ष से चल रही है। सबसे पहले नगर परिषद ने बजट का अभाव होने पर डिमांड राशि जमा नहीं करवाई।
गणेशराज बंसल ने जमा करवाई थी राशि
2019 के निकाय चुनाव के बाद गणेशराज बंसल ने सभापति बनने पर पौने चार करोड़ रुपए की राशि जमा करवाई थी। इसके बाद ड्राइंग की अप्रूवल मिलने में काफी समय बीत गया। फुट ओवरब्रिज रेलवे स्टेशन की साथ वाली गली से शुरू होकर गांधीनगर तक जाएगा। इसके निर्माण लिए नगर परिषद ने रेलवे को तीन वर्ष पहले पौने चार करोड़ रुपए दिए थे।
ऐसे जमा करवाई थी राशि
फुटओवरब्रिज की डीपीआर तैयार करने के लिए नगर परिषद ने 2018 में 9 लाख 56 हजार रुपए जमा करवाए गए थे। गत अगस्त 2021 में रेलवे ने गांधीनगर फुटओवर ब्रिज के निर्माण के लिए 3 करोड़ 65 लाख 42 हजार 714 रुपए जमा करवाने के लिए नगर परिषद को पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि नगर परिषद के 9 लाख 56 हजार 607 रुपए रेलवे के खाते में जमा हैं। कुल राशि 3 करोड़ 74 लाख 99 हजार 321 रुपए जमा होने हैं। ऐसे में 3 करोड़ 65 लाख 42 हजार 714 रुपए जमा करवाने की डिमांड भेजी गई थी।
ऐसा होगा स्ट्रक्चर
गांधी नगर को जंक्शन के मुख्य बाजार से जोड़ने के लिए 2.44 मीटर चौड़ाई का फुट ओवरब्रिज निर्माण होगा। इससे गांधीनगर के कई वार्ड के लोगों को लाभ मिलेगा। जंक्शन के मुख्य बाजार आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। रेलवे लाइन के उसपार करीब दस हजार की आबादी को राहत मिलेगी। यहां नागरिक फुटओवरब्रिज के जरिए पैदल बाजार आ जा सकेंगे। इससे ईंधन की भी बचत होगी और समय भी कम लगेगा। जानकारी के अनुसार गांधीनगर फुटओवरब्रिज निर्माण की योजना विधानसभा चुनाव 2018 से पहले शुरू हुई थी। गत दिनों में गांधीनगर के वासियों ने रोष प्रकट कर एफओबी निर्माण में तेजी लाने की मांग की थी। गांधीनगर के वासियों ने चेतावनी दी थी अगर जल्द निर्माण कार्य पूरा नहीं किया तो धरना प्रदर्शन करेंगे।