यह थी टीम, दोहरा फायदा
माशिबो, अजमेर कई अन्य जिलों में पहले यह व्यवस्था प्रारंभ कर उसका सकारात्मक परिणाम देख चुका है। इसलिए हनुमानगढ़ सहित कई अन्य जिलों में भी इस बार उत्तर पुस्तिकाएं जांच की यह केन्द्रीय व्यवस्था लागू की गई है। इसमें बोर्ड कक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांच के लिए शिक्षकों के घर भेजने की बजाय उनको ही कॉपी जांच के लिए निर्धारित स्थान पर बुला लिया जाता है। सफलतापूर्वक इस कार्य को अंजाम देने वालों में सुपरवाइजर संजय कुमार शर्मा प्रधानाचार्य, अतिरिक्त सुपरवाइजर चंद्रप्रकाश शर्मा उप प्रधानाचार्य, कुंदनलाल व्याख्याता, गौरीशंकर उप प्रधानाचार्य, मनीषा व्याख्याता एवं उनकी टीम के अन्य लोग शामिल रहे।
अभी दो, बढ़ेगा दायरा
जिले में केन्द्रीय कॉपी जांच व्यवस्था लागू करने के बावजूद शिक्षकों को कॉपी घर भेजकर भी जंचवाई जा रही है। मतलब कि अभी तक तो दोनों ही व्यवस्था लागू है। केन्द्रीय जांच व्यवस्था यूं ही कारगर साबित हुई तो भविष्य में इसका दायरा बढ़ाए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि केन्द्रीय कॉपी जांच व्यवस्था से दोहरा लाभ हो रहा है। एक तो शिक्षक अधिक एकाग्रता व गुणवत्तापूर्ण तरीके से कॉपी जांच पाता है। क्योंकि घर में कोई ना कोई कार्य या मिलने वाला आ जाए तो एकाग्रता भंग होती है। दूसरा लाभ यह कि कॉपी जांच में तुलनात्मक रूप से कम समय लगता है। ऐसे में शीघ्रता से कॉपी जांचे जाने के कारण बोर्ड का परिणाम जल्दी जारी करने में आसानी होती है।
शिकायतें भी समाप्त
बहुत बार ऐसी शिकायतें सुनने में आती हैं कि शिक्षक स्वयं कॉपी नहीं जांच रहे, किसी परिजन या अन्य से कॉपी जंचवाते हैं आदि। केन्द्रीय व्यवस्था में इस तरह की शिकायतें पूर्णत: समाप्त हो जाती हैं। क्योंकि शिक्षा अधिकारी की देखरेख में निर्धारित समय के भीतर शिक्षक उत्तर पुस्तिकाएं जांचते हैं।