प्रदूषण के मामले में हनुमानगढ़ जिला सबसे ऊपर रह चुका है। जो ठीक संकेत नहीं है। नवम्बर 2024 में हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक 450 के पार चला गया था। जबकि जीरो से पचास एक्यूआई तक ही सही औसत माना जाता है। हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर बढऩे पर इसकी काफी चर्चा रही थी। प्रदूषण को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के साथ मापा जाता है। एक्यूआई थर्मामीटर की तरह काम करता है। यह 0 से 500 डिग्री तक चलता है। हालांकि, तापमान में परिवर्तन दिखाने के बजाय एक्यूआई हवा में प्रदूषण की मात्रा में परिवर्तन दिखाने का एक तरीका है। वायु की गुणवत्ता इस बात का माप है कि वायु कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है। वर्तमान में हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर करीब 200 एक्यूआई है।
आज के समय में पर्यावरण प्रदूषण को रोकना बड़ी चुनौती है। जिन औद्योगिक इकाईयों को प्रदूषण बोर्ड की एनओसी की जानकारी नहीं है, वह इसके बिना ही उद्योग चला रहे हैं। उनको सावचेत करने के लिए बोर्ड ने छूट योजना लागू की है। इनको साठ दिनों का समय दिया है। इस अवधि में यदि वह एनओसी ले लेते हैं तो ठीक है नहीं तो इन उद्योगों को बंद करने की कार्रवाई शुरू होगी। प्रदूषण नियमों की पालना करते हुए नई औद्योगिक इकाईयां संचालित हो, इस तरह का हमारा प्रयास है।
-बीआर सिहाग, क्षेत्रीय प्रबंधक, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हनुमानगढ़