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हनुमानगढ़

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगपतियों को दी राहत

हनुमानगढ़. राइजिंग इंडिया को प्रोत्साहन मिले, इसके लिए राज्य सरकार जोर-शोर से काम कर रही है। इसके तहत नई औद्योगिक इकाईयों की कुछ कैटगिरी को शामिल किया गया है।

हनुमानगढ़Dec 11, 2024 / 11:40 am

Purushottam Jha

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगपतियों को दी राहत

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगपतियों को दी राहत

हनुमानगढ़. राइजिंग इंडिया को प्रोत्साहन मिले, इसके लिए राज्य सरकार जोर-शोर से काम कर रही है। इसके तहत नई औद्योगिक इकाईयों की कुछ कैटगिरी को शामिल किया गया है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बिना अनुमति के चल रही औद्योगिक इकाईयों को भी एक अवसर दिया गया है। इसमें बिना बोर्ड की ओर से एनओसी लिए उद्योग चलाने वाले उद्योगपतियों को राहत देते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साठ दिनों की मोहलत दी है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्यालय जयपुर की ओर से जारी आदेश के अनुसार उन उद्योगों और प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक विशेष छूट योजना शुरू की गई है। जो जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत पहले से स्थापित या संचालित होने से पहले स्थापना की स्वीकृति और संचालन की स्वीकृति (कन्ससेमंट टू ऑपरेट) प्राप्त नहीं कर पाए हैं। इस योजना का उद्देश्य उन उद्योगों को प्रोत्साहित करना है, जो अब तक इन स्वीकृतियों के बिना काम कर रहे हैं। ताकि वे स्वीकृति प्राप्त कर पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित कर सकें। यह योजना साठ दिनों के लिए लागू रहेगी। 29 जनवरी 2025 तक उद्योगपगति इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना उन उद्योगों पर लागू होगी, जो राज्य बोर्ड की श्रेणीकरण के अनुसार लाल, नारंगी और हरे श्रेणी में आते हैं। जो पहली बार स्वीकृति प्राप्त करने के लिए आवेदन कर रहे हैं। उन उद्योगों को जल अधिनियम, 1974 और वायु अधिनियम, 1981 के तहत निर्धारित प्रक्रिया और शुल्क के अनुसार स्थापना की स्वीकृति और संचालन की स्वीकृति के लिए आवेदन करना होगा। लेकिन एक विशेष छूट के रूप में उन्हें उन वर्षों के लिए पिछले शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। जब वे बिना स्वीकृति के संचालित हो रहे थे। इस योजना का उद्देश्य उद्योगों को स्वीकृति प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन को बढ़ावा देना है। जानकारी के अनुसार अभी पूरे राजस्थान में कई ऐसी औद्योगिक इकाईयां हैं। जो बिना प्रदूषण मंडल की अनुमति की चल रही है। जानकारी के अभाव में वह एनओसी नहीं ले पा रहे हैं। भविष्य में बिना एनओसी के संचालित होने पर प्रदूषण बोर्ड ऐसी उद्योगों को बंद भी करवा सकता है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की दिशा में बोर्ड लगातार कदम उठा रहा है।
प्रदूषण में खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका जिला
प्रदूषण के मामले में हनुमानगढ़ जिला सबसे ऊपर रह चुका है। जो ठीक संकेत नहीं है। नवम्बर 2024 में हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक 450 के पार चला गया था। जबकि जीरो से पचास एक्यूआई तक ही सही औसत माना जाता है। हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर बढऩे पर इसकी काफी चर्चा रही थी। प्रदूषण को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के साथ मापा जाता है। एक्यूआई थर्मामीटर की तरह काम करता है। यह 0 से 500 डिग्री तक चलता है। हालांकि, तापमान में परिवर्तन दिखाने के बजाय एक्यूआई हवा में प्रदूषण की मात्रा में परिवर्तन दिखाने का एक तरीका है। वायु की गुणवत्ता इस बात का माप है कि वायु कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है। वर्तमान में हनुमानगढ़ जिले में प्रदूषण का स्तर करीब 200 एक्यूआई है।
इसलिए दे रहे छूट
आज के समय में पर्यावरण प्रदूषण को रोकना बड़ी चुनौती है। जिन औद्योगिक इकाईयों को प्रदूषण बोर्ड की एनओसी की जानकारी नहीं है, वह इसके बिना ही उद्योग चला रहे हैं। उनको सावचेत करने के लिए बोर्ड ने छूट योजना लागू की है। इनको साठ दिनों का समय दिया है। इस अवधि में यदि वह एनओसी ले लेते हैं तो ठीक है नहीं तो इन उद्योगों को बंद करने की कार्रवाई शुरू होगी। प्रदूषण नियमों की पालना करते हुए नई औद्योगिक इकाईयां संचालित हो, इस तरह का हमारा प्रयास है।
-बीआर सिहाग, क्षेत्रीय प्रबंधक, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हनुमानगढ़

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