राजस्थान में एक एेसा किला भी है जिस पर अकबर से लेकर पृथ्वीराज चौहान तक ने राज किया। हनुमानगढ़ में स्थित 1700 साल पुराना भटनेर का किला भारत के सबसे पुराने किलाें में से एक है।
हनुमानगढ़ में किसी भी दिशा से दाखिल हों, सबसे पहले यह किला मुकुट की तरह दिखता है।
जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह ने भटनेर का प्राचीन किला बनवाया था। कहा जाता है कि गजनी के सुल्तान के खिलाफ लड़ाई हारने के बाद राजा भूपत ने घग्गर नदी के चारों ओर जंगल में शरण ली। वहां उन्होंने खुद के लिए एक सुरक्षित महल का निर्माण किया जिसे भटनेर के किले के नाम से जाना जाने लगा।
हनुमानगढ़ का पुराना नाम भटनेर था, जहां भाटी राजपूतों का शासन था। भटनेर का किला घग्घर नदी के किनारे है। घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है जो हनुमानगढ जिले बीच में से होकर गुजरती है। 1805 में
बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने यह किला भाटियों से जीत लिया था।
ये जीत मंगलवार के दिन हुई थी इसलिए इस शहर का नाम बदल का हनुमानगढ़ रख दिया गया। भटनेर किला उस जमाने का एक मजबूत किला माना जाता था। यहां तक कि तैमूर ने अपनी जीवनी ‘तुजुक-ए-तैमूरी’ में इसे हिंदुस्तान का सबसे मजबूत किला बताया है।
भटनेर फोर्ट पर तैमूर, पृथ्वीराज चौहान, अकबर, कुतुबुद्दीन ऐबक और राठौर राजाओं ने राज किया। मध्यकाल में भारत पर आक्रमण के दौरान विदेशी शासकों को इसी किले के रास्ते से ही गुजरना पड़ता था।
यह किला विदेशी आक्रमणकारियों के लिए एक मजबूूत रुकावट की तरह थी। किले का निर्माण ईंटों और चूने के पत्थरों से हुआ है। किले के अंदर शेर खां सूरी की कब्र भी है।