scriptभीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे बुन्देले, गंदा पानी पीना मजबूरी, देखें वीडियो | Water Crises in hamirpur bundelkhand | Patrika News
हमीरपुर

भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे बुन्देले, गंदा पानी पीना मजबूरी, देखें वीडियो

– बुंदेलखंड में पानी का संकट- हमीरपुर में केन नदी का गंदा व बदबूदार पानी पीने को मजबूर ग्रामीण- भीषण गर्मी में कई किलोमीटर दूर से बैलगड़ियों से पानी भरकर लाते हैं लोग

हमीरपुरJun 02, 2019 / 02:31 pm

Hariom Dwivedi

hamirpur bundelkhand

भीषण पेयजल के संकट से जूझ रहे बुन्देले, गंदा पानी पीना इनकी मजबूरी

पत्रिका एक्सक्लूसिव
शाहिद अहमद
हमीरपुर. बुंदेलखंड में पानी की समस्या से लोग परेशान हैं। जिले के लोगों को आज भी पीने का पानी मुहैया नहीं हो रहा है। नतीजतन लोगों को केन नदी का गंदा, बदबूदार और प्रदूषित पानी छानकर पीना पड़ रहा है। मौदहा ब्लॉक के बकछा गांव में ग्रामीण दो किलोमीटर दूर जाकर बैलगाड़ी से नदी का पानी भरकर लाते हैं। बीहड़ के इन गावों की महिलाओं का कहना है कि पूरी उम्र नदी से पानी भरने में ही बीत गयी है। यहां के लोगों का दिन भर एक ही काम है कि केन नदी से पानी भरना और दो किलोमीटर दूर से पानी लाना। बकछा जिले का कोई इकलौता गांव नहीं है, बल्कि केन नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव के लोगों के लिये यही अकेला तरीका प्यास बुझाने का जरिया है।
बीहड़ के गांवों में कुएं, तालाब सूख गए हैं और हैण्डपम्प जो पानी दे भी रहे हैं उनका पानी इतना खारा है कि अगर उस पानी से कपड़े धो लिए जाएं तो साबुन भी न छूटे। ऐसे में हमीरपुर के कई इलाकों में केन नदी लोगों के लिए जीवनदायिनी बनी हुई है, जो इंसानों के साथ जानवरों की भी प्यास बुझाने का काम कर रही है। भले ही नदी का पानी गंदा और प्रदूषित है, बावजूद ग्रामीण यह पानी पीने को मजबूर हैं।
यह भी पढ़ें

बांदा में पानी पर पहरा, 24 घंटे नदी की निगरानी करती है पुलिस

बुंदेलखंड में इस वक्त पारा 44 को पार कर चुका है। आसमान से आग बरस रही है, लेकिन लू और धूप के थपेड़ों के बीच लोगों को जीने के लिए पानी चाहिए। हमीरपुर ही नहीं, बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर की यही हालत है। बांदा जिले में पानी पर पुलिस का पहरा लगाना पड़ा है तो चित्रकूट की एक मात्र मन्दाकिनी नदीं सूख गई है। महोबा में पीने का पानी उर्मिल बांध से आता है। यह बांध भी डेड लेबिल पर आ गया है। हमीरपुर के ग्रामीण इलाकों का हाल तो आप देख ही रहे हैं, जहां केन नदी न होती तो ग्रामीण प्यासे मर जाते।
देखें वीडियो…

छलका ग्रामीणों का दर्द
बकछा गांव के बड़े सिंह का कहना है कि पूरे गांव में खारा पानी है जो किसी भी रूप में पीने के लायक नहीं है। बांदा व भूरागढ़ का मलवा भी इस नदी में गिरता है। यह सब जानकर भी ग्रामीण इस पानी को पीने को मजबूर हैं, जिसकी वजह से लोग बीमार पड़ जाते हैं। गांव की भूरी देवी का कहना है कि बुढ़ापे में कांपते हुए डंडे के सहारे नदी से पानी लाने को मजबूर हैं, लेकिन प्यास तो बुझानी ही है, जिसके चलते आधा एक किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है। गांव में कोई कुआं या हैंडपम्प भी ऐसा नहीं है जो मीठा पानी देता हो। एक और ग्रामीण कमलेश का कहना है कि उनकी पूरी उम्र गुजर गई नदी से पानी ढोते-ढोते, बस यही नदी एक सहारा है जीने के लिए। इस गन्दे पानी को जानवर भी पीते हैं और हम लोग भी पीने को मजबूर हैं। इसी वजह से तरह-तरह की बीमारियों ग्रामीण परेशान रहते हैं। हर घर में खांसी, जुझाम, बुखार आदि से पीड़ित लोग मिल जाएंगे।
यह भी पढ़ें

भाजपा विधायक ने ही खोली विकास के दावों की पोल, पत्र लिखकर बुंदेलखंड की बड़ी समस्या उठाई

क्या बोले जिम्मेदार
गांव में कई हैंडपम्प हैं, लेकिन सभी खारा पानी देते हैं। जिलाधिकारी को गांव की विकट समस्या के बारे में कई बार लिखित तौर पर बताया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
जगदीश प्रजापति, ग्राम प्रधान, बकछा हमीरपुर
बकछा, भुलसी सहित आधा दर्जन गांवों में खारे पानी की समस्या है। यहां टैंकरों के माध्यम से दिन में कई बार पानी भेजा जाता है। जहां पर यह सुविधा नहीं है, वहां वैकल्पिक तौर पर टैंकरों को भेजा जा रहा है।
रामकुमार, सीडीओ हमीरपुर

Hindi News / Hamirpur / भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे बुन्देले, गंदा पानी पीना मजबूरी, देखें वीडियो

ट्रेंडिंग वीडियो